बच्चा चोर समझ इंजीनियर और कारोबारी की पीट-पीटकर हत्या

असम के कार्बी आंगलॉन्ग जिले में भीड़ द्वारा दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की दहला देने वाली वारदात सामने आई है. बताया जा रहा है कि भीड़ को शक था कि दोनों युवक बच्चों का अपहरण करने वाले गिरोह के सदस्य हैं. मृतक दोस्त थे, जिनमें से एक कारोबारी था और दूसरा साउंड इंजीनियर.

दोनों युवकों की पिटाई करती भीड़ का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है. वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों युवक छोड़ देने की गुहार लगा रहे हैं. वे कह रहे हैं कि वे भी असम के ही रहने वाले हैं. लेकिन भीड़ पर उनकी गुहार का कोई असर नहीं होता.

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार की रात इलाके में व्हाट्सऐप पर इस तरह की अफवाह वाले संदेश तेजी से प्रसारित हुए कि इलाके में बच्चा चोरी करने वाला गिरोह सक्रिय है. व्हाट्सऐप मैसेज में बच्चा चोरी करने वाले गिरोह का नाम सोपाधारा बताया जा रहा है.

साथ ही यह अफवाह भी फैली कि यह गिरोह नागालैंड के दीमापुर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में छिपा हुआ है. बता दें कि असम के कार्बी आंगलॉन्ग की सीमा पूर्व में नागालैंड से सटी हुई है.

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पुलिस ने पीड़ितों की पहचान गुवाहाटी के रहने वाले 29 वर्षीय नीलोत्पल दास और उसके दोस्त 30 वर्षीय अभिजीत नाथ के रूप में की है. अभिजीत पेशे से कारोबारी है, जबकि नीलोत्पल मुंबई में साउंड इंजीनियर है.

जानकारी के मुताबिक, दोनों शुक्रवार को कार्बी के सुदूरवर्ती इलाके डोकमोका में स्थित काथिलांगसो झरना घूमने गए हुए थे . वे वहां प्रकृति की ध्वनियां कैद करने गए हुए थे. लेकिन देर रात अपनी कार से वापस लौटते हुए पंजूरी गांव के पास भीड़ ने उन्हें बच्चा अपहरण करने वाला समझकर रोक लिया.

पुलिस ने बताया कि भीड़ ने दोनों को वाहन से नीचे उतारा और बांधकर उनकी बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी. भीड़ ने उनके वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो दोनों की सांसें चल रही थीं. पुलिस दोनों को अस्पताल ले गई, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.

मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है और इस जघन्य हत्या की निंदा की है. सोनोवाल ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं. सोनोवाल के निर्देश पर असम पुलिस (कानून-व्यवस्था) के ADG मुकेश अग्रवाल ने दोकमोका जाकर घटना का जायजा लिया.

वहीं विपक्ष ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में सत्तापक्ष की असफलता करार दिया है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया ने कानून व्यवस्था को लेकर सत्तापक्ष पर निशाना साधते हुए घटना की न्यायिक जांच की मांग भी की है.

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