चाणक्य: इन चार लोगों से न करें कभी दोस्ती, नहीं तो पूरी जिंदगी हो जाएगी तबाह

जीवन में कामयाबी के लिए अच्छे लोगों की संगत का होना बेहद जरूरी माना जाता है. अर्थशास्त्र के महान ज्ञानी आचार्य चाणक्य ने भी अपनी चाणक्य नीति में 4 प्रकार के लोगों के साथ दोस्ती न करने की सलाह दी है. चाणक्य के मुताबिक इन लोगों से दोस्ती करने वाला व्यक्ति बर्बाद हो जाता है. उसका जीवन नष्ट होने के कगार पर पहुंच जाता है. आइए जानते हैं चाणक्य की इस नीति के बारे में…

दुराचारी दुर्दृष्टिर्दुरावासी च दुर्जनः। 
यन्मैत्री क्रियते पुम्भिर्नरः शीघ्रं विनश्यति।। 

बुरे चरित्र वाले, अकारण दूसरे को हानि पहुंचाने वाले तथा गंदे स्थान पर रहने वाले व्यक्ति के साथ जो पुरुष मित्रता करता है, वह जल्दी ही नष्ट हो जाता है.

सभी साधु-संतों, ऋषि-मुनियों का कहना है कि दुर्जन की संगत नरक में वास करने के समान होता है, इसलिए मनुष्य की भलाई इसी में है कि वह जितनी जल्दी हो सके, दुष्ट व्यक्ति का साथ छोड़ दे.

आचार्य ने यहां यह भी संकेत किया है कि मित्रता करते समय यह भली प्रकार से जांच-परख लेना चाहिए कि जिससे मित्रता की जा रही है, उसमें ये दोष तो नहीं हैं. यदि ऐसा है, तो उससे होने वाली हानि से बच पाना संभव नहीं. इसलिए ज्यादा अच्छा है कि उससे दूर ही रहा जाए.

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