जीरो जोन से CBSE बोर्ड और समूह ग के परीक्षार्थियों को दिक्‍कत का करना पड़ा सामना

देहरादून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा के लिए बनाया गया जीरो जोन 10वीं सीबीएसई बोर्ड गणित की टर्म परीक्षा के छात्रों व समूह ग की भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों पर भारी पड़ा। इनमें अधिकांश को पैदल ही स्कूल और परीक्षा केंद्र तक पहुंचना पड़ा।

बोर्ड परीक्षार्थी परीक्षा शुरू होने से करीब दो घंटे पहले ही शनिवार सुबह करीब नौ बजे स्कूल में पहुंच गए थे। वहीं, समूह ग भर्ती परीक्षा के परीक्षार्थी भी दो से तीन घंटे पहले ही परीक्षा केंद्रों के बाहर पहुंच गए थे। पीएम की जनसभा के चलते परेड ग्राउंड के एक किलोमीटर के दायरे में वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित था। जिससे सार्वजनिक वाहनों को बैरिकेडिंग पर रोकने से समूह ग के परीक्षार्थियों को दो से तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। डीएवी पीजी कालेज करनपुर में समूह ग की परीक्षा देने आए संजय कुमार शर्मा, आरती सूद, जयप्रकाश राणा, संजीव राणा, मनोज पैन्यूली आदि ने कहा कि वह धर्मपुर चौक से करीब चार किलोमीटर पैदल चलकर परीक्षा स्थल पहुंचे, क्योंकि बस ने उन्हें धर्मपुर चौक पर उतार दिया। परीक्षा समाप्त होने के बाद शाम पांच बजे शहर में जगह-जगह जाम लगा। जिससे सैंकड़ों परीक्षार्थी एक से दो घंटे जाम में फंसे रहे।

66 प्रतिशत छात्रों ने दी समूह ग की परीक्षा

देहरादून : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित समूह ग की भर्ती परीक्षा में शनिवार को 66.3 प्रतिशत अभ्यर्थी बैठे। यह परीक्षा प्रदेश के 161 केंद्र में शाम की पाली तीन से पांच बजे के बीच आयोजित की गई। दून में 36 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। जिनमें से 17 केंद्र ऐसे थे जो प्रधानमंत्री की रैली वाले जीरो जोन के दायरे में आ रहे थे। रविवार को परीक्षा सुबह दस से दोपहर 12 बजे और दोपहर दो बजे से चार बजे के बीच आयोजित की जाएगी। अभ्यर्थियों की अधिक संध्या के कारण परीक्षा का आयोजन तीन पाली में हो रहा है। आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने कहा कि विभिन्न 13 विभाग के रिक्त 854 पद के लिए दो लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। रविवार को दो पाली में परीक्षा संपन्न करवाई जाएगी।

बोर्ड परीक्षा के छात्रों की प्रतिक्रिया

  • कशिश (चिल्ड्रंस एकेडमी) का कहना है कि मोथरोवाला से विक्रम में घंटाघर तक आना था, लेकिन रूट डायवर्ट होने के कारण विक्रम चालक ने रेसकोर्स में ही उतार दिया। वहां से चकराता रोड तक पैदल आना पड़ा। इसमें थोड़ा समय खराब हुआ।
  • वैभव ममगाईं (दून इंटरनेशनल) का कहना है कि पुलिस ने जगह-जगह पर रूट डायवर्ट किया हुआ था। कई जगह जीरो जोन था। इस कारण गलियों से गुजरकर स्कूल तक पहुंचना पड़ा। घर से समय से निकले थे, इसलिए समय से पहले स्कूल पहुंच गए।
  • शगुन कुमारी (एसजीआरआर विद्यालय रेसकोर्स) का कहना है कि घर से स्कूल तक आने में कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन प्रधानमंत्री की रैली के कारण परीक्षा के समय से करीब एक घंटे पहले स्कूल पहुंचना पड़ा।
  • हर्षिता (ग्रेट वैली स्कूल) का कहना है कि मुख्य सड़क पर पुलिस की बैरिकेडिंग थी। ऐसे में विक्रम नहीं मिल रहा था। किसी तरह गलियों से गुजरकर स्कूल पहुंचे हैं। पेपर से दो घंटे पहले स्कूल आना पड़ा। जिस कारण अभ्यास का समय नहीं मिल पाया।
  • कार्तिक कुमार (एसजीआरआर रेसकोर्स) का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के कारण परीक्षा के समय से करीब डेढ़ घंटे पहले स्कूल आना पड़ा। हर रोज की तरह पिताजी बाइक पर छोड़ने आए। रास्ते में पुलिस ने नहीं रोका।
  • मीत भंडारी (एसजीआरआर रेसकोर्स) का कहना है कि नेहरू कालोनी से आते समय आराघर चौक पर पुलिस ने मेरी और पिताजी की आइडी चेक की। हालांकि, टर्म परीक्षा में जाने की बात सुनकर पुलिस ने जाने दिया।

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