CBI ने मानी गलती, लुकआउट नोटिस में बदलाव के कारण माल्या को नहीं लिया हिरासत में

भगोड़ा घोषित शराब कारोबारी विजय माल्या को लुकआउट नोटिस जारी होने के बावजूद लंदन की फ्लाइट पकड़ने में सफल होने का राज खुल गया है। दरअसल, सीबीआई ने माल्या के लुकआउट नोटिस को गिरफ्तारी की श्रेणी से बदलकर महज सूचना देने वाली श्रेणी से बदलकर महज सूचना देने वाली श्रेणी में शामिल कर दिया था। इसके चलते ही किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरफोर्ट पर घंटों तक देखे जाने के बावजूद फ्लाइट पकड़ने से नहीं रोका गया।CBI ने मानी गलती, लुकआउट नोटिस में बदलाव के कारण माल्या को नहीं लिया हिरासत में

अब सीबीआई ने कहा कि साल 2015 में शराब कारोबारी को पकड़ने के लिए जारी किए जाने वाले लुकआउट नोटिस (एलओसी) में बदलाव करने का फैसला करना एक गलती थी। इससे उसे पकड़ने और उसकी गतिविधियों के बारे में सूचित करने में देरी हुई। चूंकि वह जांच में सहयोग कर रहा था इसलिए उसके खिलाफ कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं था। हाल ही में माल्या के मामले को लेकर देश की दो पार्टियां एक-दूसरे के सामने आ गई हैं और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि जब पहली बार 12 अक्टूबर, 2015 को एलओसी जारी किया गया तब तक वह विदेश जा चुका था। उसके जाने से पहले आप्रवासन ब्यूरो (बीओआई) ने सीबीआई से पूछा था कि यदि एलओसी जारी हो जाए तो माल्या को पकड़ा जा सकता है। जिसके जवाब में जांच एजेंसी ने कहा था कि माल्या वर्तमान सांसद है और उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की कोई जरुरत नहीं है।

जांच एजेंसी केवल उसकी गतिविधियों को लेकर सूचना चाहती थी। जांच बेशक शुरुआती स्तर पर थी और सीबीआई आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ लोन न चुकाने के मामले के दस्तावेजों को इकट्ठा कर रही थी। सीबीआई ने माल्या के खिलाफ नया एलओसी 2015 के नवंबर के आखिरी हफ्ते में जारी किया था। जिसमें एयरपोर्ट अधिकारियों से माल्या की गतिविधियों को लेकर सूचित करने के लिए कहा गया था। इसमें पहले की अधिसूचना को बदल दिया गया था जिसमें भगोड़े व्यापारी को देश छोड़ने की कोशिश करते हुए पकड़ने के लिए कहा गया था।

एलओसी जारी करने वाले प्राधिकारी का अधिकार होता है। जब तक वह बीओआई को किसी शख्स को पकड़ने या उसे किसी ट्रेन में बोर्ड करने से रोकने के लिए नहीं कहती है उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। सूत्रों का कहना है कि विजय माल्याअक्टूबर में विदेश गया और नवंबर में वापस आ गया था इसके बाद उसने दिसंबर के पहले और आखिरी हफ्ते में दो यात्राएं की। इसके अलावा जनवरी 2016 में एक यात्रा की। 

इन यात्राओं के बीच वह तीन बार पूछताछ के लिए हाजिर हुआ। उसके खिलाफ तीन बार लुकआउट नोटिस जारी हुए जिसमें पहला नई दिल्ली से और दो बार 2015 में मुंबई से दिसंबर 9 और 12 को जारी किए गए। जांच एजेंसी का कहना है कि नोटिस में बदलाव करने का फैसला करना एक गलती थी। चूंकि वह जांच में सहयोग कर रहा था इसलिए उसे विदेश जाने से रोकने का कोई कारण नहीं था। 2 मार्च, 2016 को माल्या देश छोड़कर ब्रिटेन चला गया और वहां से अपने प्रत्यर्पण के मामले के खिलाफ लड़ रहा है।

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