CBI मामलें में AAP ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को संविधान की धज्जियां उड़ाने से रोका’

आप ने सीबीआई में शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए इसे संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को बहाल करने में मददगार बताया. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की जांच केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को दो सप्ताह में करने का आदेश दिया है. CBI मामलें में AAP ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को संविधान की धज्जियां उड़ाने से रोका'

आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का आदेश इस बात का सीधा संकेत है कि मोदी सरकार नियम, कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाने का जो काम कर रही थी, उस पर न्यायालय ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए रोक लगाने का काम किया है.’

उन्होंने कहा कि आदेश में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराने और सीबीआई के प्रभारी निदेशक बनाए गए एम नागेश्वर राव कोई नीतिगत फैसला लेने से रोकने की बात भी स्वागतयोग्य है. इससे नागेश्वर राव के माध्यम से सीबीआई के कामकाज में दखल देने की केंद्र सरकार की कोशिश पर भी लगाम लगेगी.

संजय सिंह ने कहा कि सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को अदालत से कोई राहत नहीं मिली है. इससे साफ है कि अदालत भी इस बात से इत्तेफाक रखती है कि पिछले दिनों सीबीआई में निदेशक आलोक वर्मा सहित अन्य अधिकारियों को आनन फानन में हटाया गया. उन्होंने कहा कि वर्मा ने अदालत को बताया कि उनके पास कई अहम मामलों की जांच थी और केन्द्र सरकार जांच में बाधा उत्पन्न कर रही थी. 

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि राफेल खरीद घोटाले की जांच को दबाने और अस्थाना को बचाने के लिए वर्मा के खिलाफ कार्रवाई है. उन्होंने कहा कि गत 12 मार्च को राफेल मामला राज्यसभा के तीनों आप सांसदों ने उठाते हुये जांच की मांग भी की थी. इसके पहले उन्होंने सीवीसी और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) से भी राफेल की जांच कराने की मांग की थी. 

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