सावन में बुलाएं ससुराल से अपनी बेटी को अपने घर, तो होंगे कई लाभ
आपने रीती रिवाज के बारे में ये भी सुना होगा कि विवाहित बेटी सावन में अपने मायके आती हैं और इसके पीछे भी एक महत्व है जिसके बारे में हम बताने जा रहे हैं. नहीं जानते तो जान लीजिये कि विवाह के बाद पहले सावन में बेटियां अपने घर आती हैं जिसे विशेष रूप से परंपरा के तौर पर देखे जाते हैं. सावन में बेटियों के मायके और ससुराल दोनों जगह ही स्थिति अच्छी रहती है और खुशनुमा माहौल बना रहता है.
बेटियों के आने से परिवार में वातावरण अच्छा बना रहता है और घर खुशियों से भरा रहता है. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि बेटियों के जाने से घर की स्थिति बदल जाती है. गर ऐसा होता है तो बेटियों को सावन पर घर बुलाना चाहिए जिससे सभी परेशानियों का हल मिल जाता है. अगर आपके यहाँ भी ऐसा ही कुछ हो रहा है तो आप भी अपनी बेटी को ससुराल से मायके बुला लें ताकि दोनों जगह का माहौल अच्छा बना रहे.
अगर घर में हमेशा ही सुख शांति चाहते हैं तो बेटी को घर बुलाकर उससे तुलसी का पौधा लगवाएं और जितने दिन तक वो घर में रहे उसे रोज़ दीपक लगवाएं. इसके अलावा अगर घर की कोई समस्या आ रही है तो बेटी के घर आने के बाद मंगलवार को उसके हाथ से गुड़ ले लें उसी दिन उस गुड़ को मिट्टी के बर्तन में रखकर मिट्टी में दबा दें. आपकी ये इच्छा भी पूरी हो जाएगी.