आखिर क्यों ? तेल बिगाड़ रहा है तानाशाह किम जोंग उन का खेल

उत्तर कोरिया के तानाशाह मार्शल किम जोंग उन की सनक के चलते दुनियाभर ने उसके लिए व्यापार के रास्ते बंद कर दिए हैं. ऊपर से संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों ने रही सही कसर पूरी कर दी. अब आलम ये है कि पूरा उत्तर कोरिया भारी संकट में फंसता दिख रहा है. खबरें आ रही हैं कि उत्तर कोरिया के पास अब इंधन भी खत्म होने की कगार पर है. यहां तक कि इंधन खरीदने के लिए उसके पास पैसे भी नहीं हैं.

तबाही का जिम्मेदार किम

किम जोंग उन की सनक के चलते उसके मुल्क का बहुत बुरा हाल होने वाला है. तानाशाह की मनमानी नीतियों की वजह से जो मुसीबत आने वाली है उसका खामियाज़ा भुगतने के लिए अब उत्तर कोरिया को तैयार होना होगा. इस तबाही का ज़िम्मेदार कोई और नहीं बल्कि खुद तानाशाह किम जोंग उन होगा. क्योंकि अपने मुल्क पर ये तबाही खुद किम जोंग उन लाया है.

तेल का अकाल!

उत्तर कोरिया में ये तबाही अकाल के रूप में आने वाली है. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी प्रतिबंधों का असर अब ये हो रहा है कि देश में तेल का भारी अकाल पड़ने वाला है. और अगर ऐसा हुआ तो इस मुल्क में बम और मिसाइलें तो होंगी मगर तेल नहीं. तेल के खत्म होने का मतलब दुनिया जानती है. न इस देश में काम होगा. और न लोगों के घरों में अनाज होगा. यानी भुखमरी के हालात पैदा हो जाएंगे. ज़िंदगी थम जाएगी. गृह युद्ध होने की संभावनाएं प्रबल हो जाएंगी.

किम का खेल खत्म

सीधे लफ्ज़ों में कहें तो उत्तर कोरिया में पड़ने वाला है अब तेल का अकाल. क्योंकि उत्तर कोरिया में अब खत्म होने को है तेल. मगर सवाल ये है कि आखिर उत्तर कोरिया में ये हालात बने कैसे. हम आपको बताएंगे आखिर कैसे हुआ तानाशाह का तेल खत्म और तेल खत्म होने का मतलब साफ है. किम का खेल खत्म.

हथियारों पर लुटाया खजाना

मगर चिंता की बात ये है कि तानाशाह की करनी का फल पूरा उत्तर कोरिया भुगतेगा. अब आप सोच रहे होंगे कि किम जोंग उन ने आखिर ऐसा क्या कर दिया है कि देश में तेल में खत्म होने की नौबत आ गई तो सुनिए किम जोंग उन ने वो किया है जो किसी भी देश का शासक करने की कल्पना भी नहीं कर सकता. उसने विनाशकारी हथियारों पर अपना खजाना लुटा दिया. कोरिया में मिसाइलों के टेस्ट पर अरबों रुपये खर्च कर दिए गए. उसने स्की रिसॉर्ट के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर बेशुमार दौलत गंवा दी. अब इस फिज़ूलखर्ची का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है

एटमी हथियारों में लगाया तेल का पैसा

अब नतीजा ये हुआ है कि किम जोंग उन के बेहिसाब खर्च के चलते उत्तर कोरिया का खजाना खाली हो गया है. उसी खजाने के जरिए वो दूसरे देशों से तेल और इंधन खरीदा करता था. हालांकि संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की पाबंदियों के तहत उत्तर कोरिया के तेल आयात पर पहले ही बड़ी भारी रोक लगी हुई है. लेकिन, अब जो कुछ उम्मीद बची थी, वो भी अपने आप को दुनिया में सबसे ताकतवर दिखाने की किम जोंग उन की सनक पर कुर्बान हो गई. क्योंकि किम जोंग उन ने पेट्रोलियम सामग्री की खरीद के लिए बने फंड का तकरीबन पूरा इस्तेमाल अपनी विनाशकारी मिसाइलों और एटमी हथियारों पर कर डाला है.

सबसे बड़ा खजाना खाली

सूत्रों का दावा है कि किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल ने पेट्रोलियम इंधन की खरीद के लिए खास फंड बना रखा था. लेकिन किम ने इसका बेजा इस्तेमाल अपनी मिसाइलों की धार बढ़ाने के लिए कर डाला. लिहाजा हालात बेकाबू होते जा रहे हैं क्योंकि किम का सबसे बड़ा खजाना खाली हो चुका है.

कोयला निर्यात से आय

अब आइये आपको बताते हैं कि उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन हथियारों की सनक को पूरा करने के लिए पैसा लाता कहां से है. उत्तर कोरिया को भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा कोयले के निर्यात से हासिल होती है. वैसे तो संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने उत्तर कोरिया के कोयला निर्यात पर अगस्त 2017 से रोक लगा रखी है. बावजूद इसके खबर है कि रूस की मदद से वो कोयले का कारोबार कर रहा है.

जालसाजी और ड्रग्स का कारोबार

उत्तर कोरिया की कमाई का दूसरा स्रोत कथित रहस्यमयी संगठन ऑफिस नंबर 39 है. ये संगठन नॉर्थ कोरिया वर्कर्स पार्टी की ओर से चलाया जाता है और कहा जाता है कि इसके जरिए जालसाजी और ड्रग्स के कारोबार जैसी अवैध गतिविधियों के सहारे सालाना अरबों डॉलर की उगाही होती है. वहीं, विदेशों में बसे करीब 1 लाख उत्तर कोरियाई नागरिक हर साल करीबन 50 करोड़ डॉलर स्वदेश भेजते हैं. और निर्यात कारोबार से उत्तर कोरिया की मामूली कमाई होती है.

मिसाइल परीक्षण पर बेहिसाब खर्च

जाहिर है, उत्तर कोरिया के लिए सीमित कमाई में अपनी अर्थव्यवस्था को चलाना आसान नहीं है. वो भी तब जबकि किम जोंग उन जैसे सनकी शासक हो. जिसे एटम बम और मिसाइलों के अलावा कुछ नज़र ही ना आता हो. किम जोंग उन के शासन में आई मिसाइल टेस्टों की बाढ़ पर बेशुमार खर्च ने उत्तर कोरिया की माली हालत की कमर तोड़ कर रख दी. किम के शासन काल में तकरीबन 20 बड़े मिसाइल टेस्ट हुए जिन पर बेहिसाब पैसा बहाया गया.

खुल गई रूस की पोल

हालांकि उत्तर कोरिया के पास चीन और रूस जैसे दोस्त भी हैं. जिन पर चोरी छुपे उत्तर कोरिया को तेल सप्लाई करने का आरोप लगता रहता है. लेकिन, अमेरिका की पैनी नज़र और सेटेलाइट सर्विलांस से चीन की चोरी बच न सकी. ऐसे में चीन के लिए भी अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों को नजरअंदाज करके उत्तर कोरिया को तेल देना मुमकिन नहीं है. और अब जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें उसके दूसरे दोस्त यानी रूस की पोल भी खोलकर रख दी है.

Back to top button