अभी अभी: बहुमत से दूर बीजेपी, JDS को समर्थन देने का कांग्रेस ने किया ऐलान

कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से 222 पर 12 मई को हुए चुनाव के नतीजे मंगलवार को आएंगे. इस चुनाव में 72.13 वोटिंग हुई. पिछली बार 2013 में 71.45% वोटिंग हुई थी. इस बार के मतदान का प्रतिशत 1952 के राज्य विधानसभा चुनाव के बाद से सबसे अधिक है. मतों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी. यह चुनाव कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई है. अगर कांग्रेस हारती है तो उसके हाथ से एक और बड़ा राज्य निकल जाएगा जो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले किसी झटके से कम नहीं होगा. वहीं बीजेपी कर्नाटक जीत कर यह साबित करना चाहेगी की मोदी लहर आज भी बरकरार है. कर्नाटक के जरिए वह एक बार फिर दक्षिण की राजनीति में एंट्री करना चाहेगी.

कुल विधानसभा सीटें: 224
चुनाव हुए: 222 सीटों पर
बहुमत: 112
2 सीटें राजराजेश्वरी, जयनगर पर टाले गए चुनाव
कुल उम्मीदवार:2655
कुल वोटर: 4.96 करोड़
कर्नाटक की जनसंख्या 6.4 करोड़

कांग्रेस बना पाएगी इतिहास

वोटों की गिनती के लिए 40 सेंटर बनाए गए हैं. रूझान एक घंटे के भीतर आने शुरू हो जाएंगे. दोपहर तक स्थिति साफ हो जाएगी. यदि कांग्रेस के पक्ष में स्पष्ट जनादेश आता है तो 1985 के बाद यह पहली बार होगा जब कोई दल लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगा. 1985 में तत्कालीन जनता दल ने रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी.

बीजेपी मारेगी बाजी?

वहीं बीजेपी अपनी जीत को लेकर आत्मविश्वास से भरी दिख रही है. बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी.एस येदियुरप्पा ने तो यहां तक कह दिया है कि वह लिखकर देने को तैयार हैं कि राज्य में बीजेपी की ही सरकार बनेगी. येदियुरप्पा ने कहा कि हर किसी को विश्वास है कि बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर 100 प्रतिशत स्योर हैं कि 17 मई को हम सरकार बनाने जा रहे हैं.

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हंग असेंबली तो किस ओर जाएगी जेडीएस 

जनता दल (एस) ने भी अपनी जीत का दावा किया है और कहा है कि मुख्यमंत्री पद के उसके उम्मीदवार एचडी कुमारस्वामी किंग होंगे, न कि किंगमेकर. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में एक संभावना यह हो सकती है कि 2004 की तरह ही कांग्रेस और जनता दल (एस) के बीच गठबंधन हो जाए जब कांग्रेस के दिग्गज धर्म सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी थी. यदि इन दोनों के बीच गठबंधन होता है तो जनता दल (एस) मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धरमैया के नाम पर सहमत नहीं होगा और वह किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर सकता है.

क्या कहते हैं एग्जिट पोल

चुनाव के तुरंत बाद आए एग्जिट पोल हंग असेंबली की ओर इशारा कर रहे हैं. सात एग्जिट पोल में से पांच में किसी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. अधिकतर एग्जिट पोल जेडीएस को किंगमेकर की भूमिका में बता रहे हैं. ऐसे में जेडीएस को अपने पाले में करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां रणनीति बना रही हैं. गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव नतीजों से सबक लेते हुए कांग्रेस कर्नाटक में जोखिम मोल लेने के मूड में नहीं है. यही कारण है कि उसने ‘प्लान बी’ के तहत सोमवार को ही अपने दो वरिष्ठ नेताओं अशोक गहलोत और गुलाम नबी आजाद को बेंगलुरु भेज दिया.

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