BJP ने किया फाइनल, बिहार का ये बड़ा नेता हो सकता है देश का अगला राष्ट्रपति!
नई दिल्ली। इसी साल जुलाई में राष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव होने हैं। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को ख़त्म हो जाएगा लेकिन, इससे पहले ही देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव हो जाना है। सभी दल अपने पसंद का राष्ट्रपति बनवाना चाहते हैं। बीते दिनों हुए विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी इस बार अपने नेता को राष्ट्रपति बनाना चाहती है। वहीं, विपक्ष भी पूरे जोर-शोर से मैदान में तैयार है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पूरे विपक्ष को साथ लेकर आने को तैयार हैं। तो वहीं, बीजेपी की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता पदम् श्री डॉक्टर सीपी ठाकुर ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी दावेदारी ठोकी है।
सीपी ठाकुर ने कहा है कि बिहार को लंबे समय से कुछ नहीं मिला है
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सीपी ठाकुर ने कहा है कि बिहार को लंबे समय से कुछ नहीं मिला है और इस बार बिहार को मिलना ही चाहिए। राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी दावेदारी ठोकते हुए डॉ. ठाकुर ने रविवार को कहा कि वो इसके लिए सभी पैमाने पर खरे उतरते हैं। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी उनके नाम पर विचार करे तो वह इस पद के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा पार्टी इस संबंध में फैसला लेती है तो वह इसे निभायेंगे। आपको बता दें, सीपी ठाकुर वर्तमान में बीजेपी के राज्यसभा सदस्य हैं और वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी जता कर धर्म संकट में डाल दिया
डॉ. ठाकुर ने पार्टी के सामने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी जता कर धर्म संकट में डाल दिया है। अगर बीजेपी सीपी ठाकुर को उम्मीदवार बनाती है तो बिहार से जदयू भी उनका समर्थन कर सकती है क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके काफी अच्छे संबंध है। इससे पहले मधुबनी से बीजेपी सांसद हुकुमदेव नारायण यादव का नाम भी अगले उपराष्ट्रपति को लेकर आ चुका है। लेकिन, फ़िलहाल इसे लेकर बीजेपी ने अभी कुछ नहीं कहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरे कार्यकाल के लिए भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का नाम आगे बढ़ाया था। वहीं, विपक्षी दलों में कुछ दलों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। प्रणब पर विपक्ष की मुश्किल यह है कि वर्तमान राष्ट्रपति मुखर्जी अपना सफल कार्यकाल पूरा करने के बाद चुनाव लड़कर हार देखना पसंद नहीं करेंगे। वे राष्ट्रपति के पद पर अपनी दोबारा से पारी केवल सर्वसम्मति के जरिए ही चाहेंगे। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने विपक्ष के कुछ दलों के साथ चर्चा कर शरद यादव, पंवार और गोपाल कृष्ण गांधी के नाम पर विचार शुरू किया था।