Biparjoy Cyclone: दिखने लगा चक्रवाती तूफान का असर, जानें कहाँ कितने नुकसान की आशंका
Biparjoy Cyclone: गुजरात के कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह के पास शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपरजॉय’ की संभावित दस्तक से पहले अधिकारियों ने राज्य के तटीय इलाकों से अब तक लगभग 50 हजार लोगों को निकालकर अस्थायी आश्रय शिविरों में स्थानांतरित किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को बताया कि ‘बिपरजॉय’ के गुजरात तट की ओर बढ़ने के साथ सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का सामना करना पड़ा।
आईएमडी के मुताबिक, ‘बिपरजॉय’ के गुरुवार शाम एक ‘बेहद शक्तिशाली चक्रवाती तूफान’ के रूप में 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार वाली हवाओं के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ के मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच टकराने की संभावना है। मुंबई मौसम विभाग के प्रमुख सुनील कांबले ने बताया है कि बिपरजॉय अभी इस समय कहां पर है। सुनील कांबले ने कहा कि वर्तमान समय में बिपरजॉय मुंबई से दूर है। यह मांडवी और कराची के बीच 15 जून को लैंडफॉल कर सकता है। इसकी वजह से अगले 24 घंटों में कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में भारी बारिश होगी।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार सुबह समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुक में सबसे ज्यादा 121 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं, द्वारका और कल्याणपुर में इस अवधि में क्रमश: 92 मिलीमीटर और 70 मिलीमीटर पानी बरसा। विज्ञप्ति के मुताबिक, उक्त अवधि में जामनगर, जूनागढ़, राजकोट, पोरबंदर और कच्छ जिले की नौ तालुका में 50 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई। एसईओसी के अनुसार, बुधवार सुबह समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में सौराष्ट्र और कच्छ जिले के 54 तालुका में 10 मिलीमीटर से ज्यादा पानी बरसा।
प्रदेश राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा, ”चक्रवात अभी कच्छ से लगभग 290 किलोमीटर दूर है। एहतियाती कदम के तौर पर हमने लगभग 50 हजार लोगों को तटीय इलाकों से निकालकर सुरक्षित आश्रय शिविरों में स्थानांतरित कर दिया है। निकासी अभियान अभी भी जारी है और शाम तक शेष पांच हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।” पांडे ने गांधीनगर में संवाददाताओं को बताया कि जिन 50 हजार लोगों को निकाला गया है, उनमें से 18 हजार को कच्छ जिले के शिविरों में स्थानांतरित किया गया है, जबकि अन्य को जूनागढ़, जामनगर, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, मोरबी और राजकोट में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पांडे के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 15, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12, राज्य सड़क एवं भवन विभाग के 115 और प्रदेश विद्युत विभाग के 397 दलों को अलग-अलग तटीय जिलों में तैनात किया गया है।