बिहार चुनाव: पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को नहीं मिली टिकट, किसी कारणवश नहीं बना तालमेल

पटना। बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने के बाद विधानसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाए गए, लेकिन एनडीए की सहयोगी जदयू में शामिल होने के बाद भी पार्टी के चुनावी उम्मीदवारों की सूची से उनका नाम नदारद रहा। वहीं, गुरुवार को गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मेरे वीआरएस लेने को चुनाव से जोड़कर देखना ठीक नहीं है, लेकिन मैं एनडीए के साथ हूं। 

पूर्व डीजीपी पांडेय ने कहा, मेरे वीआरएस लेने और पार्टी की सदस्यता लेने को सीधे चुनाव से जोड़कर देखना ठीक नहीं है। चुनाव लड़ने की संभावना थी, किसी कारणवश ये समीकरण नहीं बैठा। राजनीति में बहुत सारी मजबूरियां होती हैं, लेकिन मैं एनडीए के साथ हूं और एनडीए के साथ रहूंगा। 

महाराष्ट्र की राजनीति से टिकट न मिलने के सवाल पर बिहार के पूर्व जीडीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा, सुशांत की मौत के मामले में मैंने जो भी किया उसमें मैंने न कोई गलती की, न मुझे उसका कोई अफसोस है। 

वहीं, बुधवार को पूर्व डीजीपी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि ‘अपने अनेक शुभचिंतकों के फोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें।’

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइडेट) ने बुधवार को अंतिम सूची जारी कर दी। इस सूची में गौर करने वाली बात यह रही कि जदयू ने बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को टिकट नहीं दिया, जिन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी में शामिल होने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।

ऐसा लगता है कि बक्सर से विधानसभा चुनाव लड़ने की उनकी कोशिश खतरे में पड़ गई है, क्योंकि यह निर्वाचन क्षेत्र भाजपा के कोटे में चला गया है। जदयू के पास बक्सर जिले की राजपुर और डुमरांव दो विधानसभा सीटें है, जबकि शेष दो, बक्सर और ब्रह्मपुर, भाजपा के पास चली गई हैं।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button