अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक जंग, दुनिया भर के बाजार पर असर

अमेरिका और चीन के बीच छिड़ी व्यापारिक जंग के बीच शुक्रवार को दुनियाभर के वित्तीय बाजारों पर असर दिखा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन के साथ एक बड़ी व्यापारिक जंग का ऐलान करते चीनी वस्तुओं के आयात पर 60 अरब डॉलर का शुल्क (टैरिफ) लगाने पर जवाबी कार्रवाई करते हुए चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं के आयात पर तीन अरब डॉलर का शुल्क लगाने की घोषणा कर दी. 

तकरीबन 25 साल के इतिहास में चीन के साथ सबसे तीखी व्यापारिक तनातनी के बीच ट्रंप ने चीनी वस्तुओं के आयात पर शुल्क लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए. इसके साथ ही, अमेरिका ने अमेरिकी प्रौद्योगिकी में निवेश की बीजिंग की आजादी कम कर दी है.  दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संभावित व्यापारिक जंग के कारण वित्तीय बाजार सकते में रहा. ट्रंप ने चीन को अमेरिका में हजारों नौकरियां छीनने और अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार ठहराया.

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चीन ने इस पर पलटवार करते हुए ट्रंप के बुधवार के एलान को एक पक्षीय व संरक्षणवादी बताया. चीन के वाणिज्य मंत्री ने कहा कि अमेरिका ने बहुत बुरी मिसाल कायम की है जबकि विदेश मंत्री ने अमेरिका से समझदारी व विवेकपूर्ण ढंग से फैसले लेने का आग्रह किया.  अमेरिका ने चीन के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज करवाई.  

अमेरिकी सरकार ने एक बयान में कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि लाइसेंस का अनुबंध समाप्त होने के बाद चीनी कंपनियों को प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने से रोकने के अमेरिकी कंपनियों समेत अन्य देशों के पेटेंट धारकों के मौलिक पेटेंट अधिकारों को अस्वीकार करके डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन कर रहा है.” अमेरिका ने कहा, “ऐसा लगता है कि चीन आयातित विदेशी प्रौद्योगिकी के विरूद्ध भेदभाव वाले और कम अनुकूल शर्ते थोप कर डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन कर रहा है.”

ट्रंप की घोषणा के बाद चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि सुअर का गोश्त, शराब और बिना जोड़ वाली स्टील पाइप सहित कुल 128 वस्तुओं के आयात शुल्क में छूट को निरस्त करने पर विचार किया जा रहा है. इसमें फलों, अखरोट, शराब और बिना जोड़ वाली स्टील पाइप पर 15 फीसदी आयात शुल्क और सुअर के गोश्त व दोबारा इस्तेमाल होने वाले अल्युमीनियम उत्पादों पर 25 फीसदी शुल्क लगाया जाएगा. 

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