Bdy Spcl: इस एक शब्द ने बदल दी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तकदीर

देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आज जन्मदिन है। रामनाथ कोविन्द का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला (वर्तमान में कानपुर देहात जिला) की तहसील डेरापुर, कानपुर देहात के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था।Bdy Spcl: इस एक शब्द ने बदल दी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तकदीर
कोविंद के जीवन से एक शब्द ऐसा जुड़ा उनकी तकदीर बदलकर रख दी। आज हम उसी शब्द के बारे में आप को बताने जा रहे हैं।

कोविंद के परिजनों और मित्रों की मानें तो उनके खास व्यक्तित्व, प्रतिभा के साथ ही ‘र’ शब्द ने उनकी तकदीर बदल दी।
‘र’ से रामनाथ के रूप में शुरू हुआ सिलसिला राज्यसभा सांसद, राज्यपाल होते हुए अब राष्ट्रपति तक जा पहुंचा है।

जीवन में पहली बार भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव में उतरने वाले रामनाथ कोविंद पूरी शिद्दत से चुनाव लड़ने के बावजूद हार गए। इस हार से वह बेहद निराश हो गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करें।

ऐसे समय में उनके दूसरे नंबर के बड़े भाई शिवबालक राम कोविंद (जो अब इस दुनिया में नहीं हैं) ने उन्हें पिता की तरह समझाया।
बड़े भाई की तरफ से कही गई एक-एक बात को रामनाथ ने आशीर्वाद के रूप में ग्रहण किया। शिवबालक ने रामनाथ के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा था, तुम्हारा नाम राम है।

राम शब्द ‘र’ से शुरू होता है। यही र’ तुम्हें जीवन में बहुत आगे ले जाएगा। आज जब रामनाथ कोविंद देश के राष्ट्रपति हो गए तो स्व. रामबालक की पत्नी और रामनाथ कोविंद की मां समान भाभी विद्यावती कोविंद की आंखें अपने पति की बातों और अपने लल्ला को याद कर खुशी से छलक पड़ीं।
कहने लगीं, उनके (पति) आशीर्वाद से लल्ला पहले राज्य सभा सांसद हुए (इसमें भी र है) फिर राज्यपाल (इसमें भी र) और अब राष्ट्रपति (इसमें भी र) हो गए हैं। विद्यावती की बेटी हेमलता जो इस समय अपनी मां के साथ झींझक में रहती है, उसने भी अपने चाचा (रामनाथ) के विषय में ढेर सारी बातें की।

बताया कि वह उन लोगों से जब भी मिलते हैं, खूब हंसाते हैं। पिछले महीने वह अपनी मां के साथ पटना राजभवन में दो सप्ताह तक रही। इस दौरान चाचा उन लोगों की हर पंसद का ख्याल रखते थे।

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