पाकिस्तान से लौटा सिख श्रद्धालुओं का जत्था, किरणबाला पर सस्पेंस
अटारी (अमृतसर)। बैसाखी पर पाकिस्तान गया सिख श्रद्धालुओं का जत्था शनिवार को दोपहर बाद भारत लौट आया। यह जत्था ट्रेन से बाघा बोर्डर होते हुए अटारी पहुंचा। जत्थे के 708 सदस्य अटारी स्टेशन पर पहुंचे। जत्थे के साथ पाकिस्तान गई हाेशियारपुर के गढ़शंकर की किरण बाला वापस नहीं आई है। किरण बाला ने पाकिस्तान के लाहौर में धर्म बदलकर एक मुस्लिम युवक स निकाह कर लिया था। किरणबाला के वापस भारत अाने के बारे में स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हो पाई हे।
सिख श्रद्धालुओं का जत्था खालसा सिरजना दिवस मनाने के लिए लाहौर गया था। जत्थे के सदस्यों ने श्री ननकाना साहिब के साथ-साथ पाकिस्तान के अन्य गुरुद्वारों में दर्शन किए। यह जत्था 12 अप्रैल को पाकिस्तान गया था। जत्था शनिवार दोपहर बाद रेल मार्ग के जरिए अटारी पहुंचा तो वहां मौजूद पत्रकारों ने किरणबाला को लेकर सवाल पूछने शुरू कर दिए।
जत्थे का नेतृत्व कर रहे गुरमीत सिंह ने कहा कि किरण बाला जत्थे का इस्तेमाल अपने निजी हितों के लिए किया। गुरमीत सिंह ने कहा कि वह नौ बार जत्था पाकिस्तान लेकर जा चुके हैं लेकिन यह घटना पहली बार हुई है। एसजीपीसी से इस मामले में जांच करवाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस घटना का भविष्य में पाकिस्तान जाने वाले श्रद्धालुओं पर कोई असर नहीं होगा।
गुरमीत सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव जी के 550 प्रकाश पर्व मनाने के लिए उन्होंने पाकिस्तान वक्फ बोर्ड के शिष्टमंडल को भारत बुलाया है। इसका उद्देश्य गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की उनकी यात्रा बहुत सुखद रही और वहां जत्थे को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
बता दें कि किरण बाला 16 अप्रैल को सिख जत्थे से गायब हो गई थी। बाद में जांच में पता चला कि उसने धर्म बदल लिया है आैर मुस्लिम बन गई है। उसने अपना नाम आमना बीबी रख लिया और लाहौर के आजम नाम के युवक से शादी कर ली। किरण बाला उर्फ आमना बीबी ने पाकिस्तान विेदेश विभाग में अर्जी देकर अपने वीजा की अवधि बढ़ाने की मांग की है, लेकिन जानकारी के अनुसार इस बारे में अभी कोई फैसल नहीं हुआ है। किरण बाला का वीजा 21अप्रैल तक ही है।
किरण बाला उर्फ आमना बीबी को शुक्रवार को लाहौर हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। हाई कोर्ट ने पाकिस्तान में रहने देने की उसकी याचिका खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की अनुमति पाकिस्तान सरकार ही दे सकती है। ऐसे में किरण बाला को वापस भारत भेजने के कयास लगाए जा रहे हैं। वैसे, उसके सिख जत्थे के साथ नहीं आने से इस बारे में फिर कयासबाजी शुरू हो गई है।
लाहौर हाई कोर्ट का राहत से इन्कार
किरणबाला उर्फ आमना बीबी ने शुक्रवार को पति मोहम्मद आजम के साथ लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। बताया जाता है कि उसने याचिका में बताया कि उसने दिल्ली में रहते हुए बीस साल पहले फेसबुक के माध्यम से लाहौर निवासी मोहम्मद आजम से दोस्ती की थी। अब पाकिस्तान आकर रजामंदी से इस्लाम कबूल कर उसने निकाह किया है। इसलिए पाकिस्तान सरकार उसे यहां की नागरिकता दे।
उसने यह भी बताया कि भारत में उसका विवाह हुआ था। पंजाब के होशियारपुर निवासी पति की मौत हो गई थी, लेकिन उसका कोई बच्चा नहीं है। किरण की याचिका पर लाहौर हाईकोर्ट ने दो टूक फैसला सुनाते हुए कहा कि पाकिस्तान में पनाह देना विदेश विभाग के हाथ में है। हाईकोर्ट ने पाक विदेश विभाग के इस्लामाबाद में स्थित सचिव को भी आमना बीबी की दरखास्त भेज दी है।
पाकिस्तान अकाफ बोर्ड के सचिव ने कहा- भारत वापस जाना होगा किरण बाला उर्फ आमना बीबी को
पाकिस्तान से इस बाबत पाकिस्तान अकाफ बोर्ड के सचिव तारिक वजीर खां ने बताया कि किरण बाला उर्फ आमना बीबी श्री ननकाना साहिब पाकिस्तान से सिख श्रद्धालुओं के जत्थे से भागी है। उसका पासपोर्ट लाहौर के अकाफ बोर्ड लाहौर के पास है। शुक्रवार रात तक पाकिस्तान विदेश विभाग की ओर से कोई कार्रवाई न की गई तो वह किरण बाला को भारतीय सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ वापस भारत भेजेंगे।
दूसरे पति के घर पाक पुलिस का पहरा
किरण बाला उर्फ आमना बीबी इस समय मुल्तान रोड लाहौर में अपने ससुराल घर में है। उसके ससुराल घर को पाकिस्तान पुलिस की ओर से चारों ओर से घेर रखा है ताकि वीजा न मिलने की सूरत में उसे गिरफ्तार करके सिख जत्थे के साथ ही भारत भेजा जा सके।