बलिया: भाजपा कार्यकर्ता ने एसडीएम और सीओ के सामने शख्स की गोली मारकर की हत्या, 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड

यूपी के बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव के  पंचायत भवन में गुरुवार को कोटे की दुकान के चयन के लिए खुली बैठक में एसडीएम, सीओ, एसओ व अन्य पुलिसकर्मियों के सामने भाजपा कार्यकर्ता धीरेंद्र प्रताप सिंह ने एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी। इस दौरान ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे भी चले।

इसमें छह लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले में धीरेंद्र समेत आठ नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एसडीएम, सीओ के अलावा मौके पर मौजूद 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि गिरफ्त में आए आरोपी धीरेंद्र को पुलिसकर्मियों ने छोड़ दिया।

पंचायत भवन के बाहर टेंट लगाकर हनुमानगंज और दुर्जनपुर की कोटे की दुकानों के चयन के लिए दोपहर बाद लगभग साढ़े तीन बजे खुली बैठक की जा रही थी। चार महिला समूहों ने आवेदन किया था। दुर्जनपुर की दुकान के लिए मां शायर जगदंबा और शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान की नौबत आ गई।

इस पर एसडीएम सुरेश कुमार पाल, सीओ चंद्रकेश सिंह और एसओ प्रवीण कुमार सिंह ने व्यवस्था बनाई कि जिसके पास आधार कार्ड अथवा अन्य कोई पहचान पत्र होगा, वही वोट कर पाएगा। एक पक्ष के लोग आधार कार्ड लेकर आए थे। दूसरे पक्ष के लोगों के पास पहचान पत्र नहीं था। इसी बात पर हंगामा हो गया।

स्थिति बिगड़ते देख बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह ने बैठक की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद दोनों पक्षों में तनातनी शुरू हो गई। प्रशासन के विरोध में नारेबाजी हुई। देखते ही देखते ईंट-पत्थर चलने लगे। इस दौरान धीरेंद्र ने फायरिंग कर दी। इसमें दुर्जनपुर निवासी जयप्रकाश पाल (45) को चार गोलियां लगीं।

लोगों ने जयप्रकाश को सीएचसी सोनबरसा पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा ईंट पत्थर और लाठी-डंडों से नरेंद्र सिंह (45), आराधना सिंह (45), आशा सिंह (40), राजेंद्र सिंह (45), अजय सिंह (50) और धर्मेंद्र सिंह (40) गंभीर रूप से घायल हो गए।
 

अधिकारियों के सामने हुई हत्या के मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने एसडीएम और सीओ और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के साथ ही आरोपी भाजपा कार्यकर्ता धीरेंद्र के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।

उन्होंने अधिकारियों की भूमिका की जांच के निर्देश भी दिए हैं। इससे पहले अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने घटना की जानकारी होने पर आजमगढ़ के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे को तत्काल मौके पर पहुँचने के निर्देश दिए थे। प्रारंभिक रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

गांव में पुलिस तैनात
मामले में मृत जयप्रकाश के भाई चंद्रमा पाल की तहरीर पर धीरेंद्र प्रताप सिंह समेत आठ नामजद और 25 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस बीच क्षेत्राधिकारी चंद्रकेश सिंह के नेतृत्व में बैरिया, रेवती आदि थानों की पुलिस दुर्जनपुर गांव में तैनात कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक देवेंद्रनाथ दुबे ने भी मौका मुआयना किया।

दुर्जनपुर पंचायत भवन पर बिना आधार कार्ड के पहुंचे लोग दुकान आवंटन के लिए वोटिंग करना चाहते थे। इससे विवाद बढ़ गया। एक समूह के पक्षकार धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ डब्लू सिंह ने गोली चला दी। इसमें जयप्रकाश उर्फ गामा पाल को गोली लगी और अस्पताल जाते समय उनकी  मौत हो गई। एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
देवेंद्र नाथ, पुलिस अधीक्षक

धीरेंद्र भाजपा कार्यकर्ता हैं तो हमारे ही हैं: सुरेंद्र सिंह
आरोपी धीरेंद्र को बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी बताया जा रहा है। इस पर सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि मैं भाजपा का विधायक हूं तो सारे कार्यकर्ता हमारे ही हैं। धीरेंद्र सिंह भी भाजपा कार्यकर्ता हैं तो हमारे ही हैं। घटना निंदनीय है। दोनों तरफ से ईंट-पत्थर चले हैं। कोटे की दुकान के चयन के लिए खुली बैठक की प्रक्रिया ही गलत है।

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