स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले बलरामदास टंडन ली अंतिम सांस

पंजाब भाजपा के दिग्गज नेता और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल स्व. बलराम दास टंडन उन लोगों में से थे, जिन्होंने भारतीय जनसंघ को स्थापित किया। 1953 में एक पार्षद के तौर पर उनका सियासी सफर शुरू हुआ और आगे चल कर वह डिप्टी सीएम बने। टंडन का जन्म 1927 में अमृतसर में हुआ था। उन्होंने 16 की आयु में ही आरएसएस ज्वाइन कर लिया था। 1946 में वह प्रचारक बने। शुरुआती राजनीति के दौरान टंडन की छवि एक समाजसेवी की थी। उन्होंने गरीब मरीजों केलिए मुफ्त मेडिकल डिस्पेंसरी चलाईं। 

विभाजन के समय पाकिस्तान से आने वाले लोगों के लिए खाने, कपड़ों का इंतजाम किया। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने सरहद पर लड़ रहे जवानों के लिए कैंटीन का प्रबंध किया। बाद के दौर में भी कॉम्पिटेंट फाउंडेशन के जरिए उनकी समाजसेवा जारी रही। जोकि खूनदान कैंप लगाता है, मुफ्त दवाएं, राशन वितरण करता है, गरीबों के ऑपरेशन करवाता है। 

टंडन 1951 में जनसंघ से जुड़े, 1953 में अमृतसर में पार्षद के तौर पर उनका सियासी सफर शुरू हुआ। उसके बाद वह छह बार विधायक रहे। अमृतसर सेंट्रल विधानसभा हलके से 1957, 1962, 1967, 1969 और 1977 में विधायक बने। 1997 में वह राजपुरा से चुनाव जीते। जस्टिस गुरनाम सिंह की पहली गैर कांग्रेसी सरकार में वह 1969-70 में डिप्टी सीएम बने। 1977-79 और 1997-2002 में वह कैबिनेट मंत्री रहे। 

टंडन ने इमरजेंसी के खिलाफ आवाज उठाई। वह जून 1975 से 1977 में इमरजेंसी खत्म होने तक जेल में रहे। भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद वह 1995 में प्रदेश प्रधान बने। उनके नेतृत्व में हुए 1998 के लोकसभा चुनाव में अकाली-भाजपा गठबंधन ने 13 में से 11 सीटें जीतीं। आतंकवाद के दौरान वह आतंकियों के निशाने पर रहे। 1991 में जब वह अमृतसर से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे, आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाया। भाजपा ने 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया। टंडन को खेलों में भी काफी दिलचस्पी थी। उनके पुत्र संजय टंडन पिछले कई सालों से चंडीगढ़ भाजपा के प्रधान हैं।

सीएम, राज्यपाल ने जताया शोक
बलराम दास टंडन के निधन पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने दुख जताया। सीएम ने कहा कि टंडन ने डिप्टी सीएम और केबिनेट मंत्री के तौर पर पंजाब की सेवा की। उनके जाने से सूबा एक योग्य प्रशासक और जमीन से जुड़े नेता से महरूम हो गया। राज्यपाल बदनौर ने कहा कि टंडन जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। पंजाब हमेशा उन्हें सामाजिक सियासी कार्यों केलिए याद करेगा। उधर, पंजाब सरकार ने टंडन के निधन की खबर पहुंचते ही छुट्टी सरकारी दफ्तरों में छुट्टी कर दी। पंजाब के राजभवन में शाम को होने वाला ऐट-होम कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।

भाजपाइयों ने जताया दुख
बलराम दास टंडन के निधन पर भाजपा नेताओं अविनाश राय खन्ना, विजय सांपला, हरजीत गरेवाल, अश्वनी शर्मा ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि छह बार विधायक रहे टंडन उन सौभाग्यशाली नेताओं में थे, जिन्हें जनसंघ और भाजपा, दोनों में काम करने का मौका मिला। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया।

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