अरुण जेटली का दावा, शीर्ष 50 की कारोबारी रैंकिंग में देश को लाना संभव

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि अगर कर विभाग समेत पूरी सरकारी मशीनरी पिछड़ने वाले तीन मानकों पर सुधार के लिए मिलकर प्रयास करे तो विश्व बैंक के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में देश की रैंकिंग में और सुधार संभव है।

अरुण जेटली का दावा, शीर्ष 50 की कारोबारी रैंकिंग में देश को लाना संभव

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की वार्ता में उन्होंने कहा कि इसमें व्यापारिक सुगमता को छोड़कर ज्यादातर मसलों पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। यहां अंतरराष्ट्रीय कस्टम दिवस के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि व्यापारिक सुगमता पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए किसी समझौते के बगैर भी कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करना घरेलू अर्थव्यवस्था के हित में है। तीन साल में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में 142वें स्थान से 100वें स्थान पर देश को लाने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें एक साल में 30 पायदान का सुधार आया है।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब देश को शीर्ष 50 की रैंकिंग में लाने का लक्ष्य दिया है। देश की रैंकिंग को 142वें स्थान से सुधारकर 50वें स्थान पर लाना चुनौतीपूर्ण है। वित्त मंत्री ने कहा कि विश्व बैंक दस मानकों पर रैंकिंग करता है। इनमें से तीन मानकों पर सुधार किए जाने की जरूरत है।

इन मानकों में स्थानीय निकाय से जमीन व बिल्डिंग की मंजूरी, अंतरराष्ट्रीय कारोबार और अनुबंध का प्रभावी होना शामिल हैं। हमें इन तीनों मानकों पर सुधार करने की जरूरत हैं।

यह काम करना कोई बहुत मुश्किल नहीं है। रैंकिंग में कारोबारी सुगमता मानक में सुधार के लिए कस्टम विभाग के अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए वित्त सचिव हसमुख अढिया ने कहा कि हम सभी को मिलकर रैंकिंग सुधारने के लिए काम करना होगा।

इस मानक पर देश अभी 146वें स्थान पर है। हमें जल्दी से 100वें स्थान तक लाने के लिए प्रयास करने चाहिए। यह एक साल में न सही तो दो साल में करना संभव है। उन्होंने इस साल अधिकारियों को इसे चुनौती की तरह लेने का आग्र्रह किया।

अगर हम जीएसटी और दूसरे मानकों पर काफी सुधार कर सकते हैं तो इस मामले में क्यों नहीं कर सकते। हमें विश्वास है कि अगर अधिकारी तय कर लेंगे तो इसे हासिल कर लेंगे। जेटली ने भी कहा कि औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) इन तीन पिछड़ने वाले मानकों पर काम कर रहा है।

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