सेना दिवस: अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मनों से खतरा लेते हैं देश के जवान

देश की सरहद की हिफाजत करने वाले जांबाज इतनी कठिन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी करते हैं जिनमें किसी आम इंसान का रह पाना मुश्किल होता है। हर वक्त दुश्मन से जान के खतरे के साथ ही मौसम का खतरा भी जवानों के लिए कई मुश्किल हालात पैदा करता है। बावजूद इसके भारत माता के वीर सपूत देश की हिफाजत करते हैं।

देश के जवान एलओसी (नियंत्रण रेखा) और आईबी (अंतरराष्ट्रीय सीमा) पर सरहदों की हिफाजत करते हैं। ऐसे में जहां आईबी की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ के पास है वहीं एलओसी की सुरक्षा में सेना और बीएसएफ के जवान मुस्तैदी से डटे रहते हैं।

देश की हिफाजत करने वाले जवानों पर न सिर्फ दुश्मन से जान का खतरा बना रहता है बल्कि मौसम के दुश्वार हालात और जंगली जानवरों का भी खतरा लगातार बना रहता है।

इसके साथ ही भारत में दुनिया का सबसे खतरनाक और ऊंचा रणक्षेत्र सियाचिन है जहां देश की रक्षा करने वाले जवान लगातार देश की निगरानी के लिए बेहद कठिन हालातों में काम कर रहे हैं।

सियाचिन के साथ ही नियंत्रण रेखा और सीमा पर हमेशा दुश्मन की फायरिंग और गोलाबारी का खतरा बना रहता है।

कई बार पाकिस्तान की ओर से हुए संघर्षविराम उल्लंघनों का जवाब देने की कार्रवाई में जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। बावजूद इसके भारतीय सेना के जांबाजों ने देश की आबरू के लिए हमेशा पूरी प्रतिबद्धता से काम किया है।

 

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