सुन्नी वक्फ बोर्ड के चैयरमैन का ऐलान, बोले-होली के बाद ट्रस्ट का गठन संभव

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो गया। अब अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन का इंतजार है। लखनऊ में आज सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में चैयरमैन जुफर फारूकी ने संकेत दिया कि होली के बाद ट्रस्ट का गठन संभव है।

लखनऊ में माल एवेन्यू में कार्यालय में आयोजित बैठक ने पहले सुन्नी वक्फ के चैयरमैन जुफर फारूकी ने कहा कि आज की बैठक रूटीन बैठक है,जब कोई चीज फाइनल होगी तब मीडिया को बताया जाएगा। ट्रस्ट के गठन तथा अन्य मामले में कोई भी फैसला होली के बाद ही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रस्ट में किसी भी बात को लेकर न तो किसी से मतभेद है और न ही किसी भी प्रकार का कोई मतभेद है।

उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारुकी ने कहा कि आज की बैठक नियमित हर माह होने वाली बैठक है। इसका एजेंडा अयोध्या मामला नहीं है। जहां तक मस्जिद निर्माण को लेकर ट्रस्ट गठन की बात है तो उसका ऐलान होली बाद किया जाएगा। अगली बैठक में ट्रस्ट का एजेंडा तय होगा। माना जा रहा है कि बोर्ड के सभी सदस्यों के न मौजूद होने के कारण अयोध्या मसले को टाल दिया गया।

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माना जा रहा है कि ट्रस्ट में कुल दस सदस्यों को शामिल किया जाएगा। इनमें कुछ सदस्य बोर्ड से और एक सदस्य सरकार की तरफ से भी शामिल होगा। चर्चा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारुकी को ही इस ट्रस्ट का पदेन अध्यक्ष बनाया जाएगा। उनके अलावा मोहम्मद जुनैद सिद्दीकी, अबरार अहमद, अदनान शाह, जुनीद सिद्दीकी और सैय्यद अली का भी नाम इसमें शामिल हो सकता है। ट्रस्ट में लीगल मामलों के जानकार, अयोध्या के किसी सामाजिक कार्यकर्ता को भी जगह मिल सकती है। इनमें मो. जुनीद सिद्दीकी, विधायक अबरार अहमद, अदनान फर्रूख शाह, जुनैद सिद्दीकी और सैयद अहमद अली को फारूकी का भरोसेमंद माना जाता है।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या के रौनारी के धन्नीपुर गांव में मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन दी है। 24 फरवरी को बोर्ड की बैठक में इस जमीन को स्वीकार किया गया था। इसके बाद तय किया गया था कि वहां पर इंडो-इस्लामिक रिसर्च सेंटर बनेगा। इस जमीन पर मस्जिद के अलावा चैरिटेबल अस्पताल, भारतीय तथा इस्लामिक सभ्यता के अध्ययन के लिये रिसर्च केंद्र व पब्लिक लाइब्रेरी बनाई जाएगी।

राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 5 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया था। उसी दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के धन्नीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित की थी।  

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