जंग के बीच आर्मेनिया, अजरबैजान के विदेश मंत्रियों ने वाशिंगटन में पोम्पियो से की मुलाकात

वाशिंगटन। अजरबैजान के नागोर्नो-काराबाख में जंग के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने आर्मीनिया और अजरबैजान के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। दोनों देशों के विदेश मंत्री एक घंटे के अंतर पर पॉम्पियो से मिले। पॉम्पियो ने दोनों विदेश मंत्रियों से हाथ मिलाया लेकिन जंग रोकने को लेकर कोई पहल नहीं हो सकी।

इससे पहले आर्मीनिया और अजरबैजान के विदेश मंत्रियों ने वाशिंगटन में एक साथ मुलाकात से इनकार किया था। यही वजह है कि अजरबैजानी विदेश मंत्री जेहुन बायरामोव (Jeyhun Bayramov) आर्मीनियाई विदेश मंत्री जोहराब म्नातसाकान्यान (Zohrab Mnatsakanyan) के आने से कुछ देर पहले ही बाहर निकल गए थे।

जंग के बीच आर्मेनिया, अजरबैजान के विदेश मंत्रियों ने वाशिंगटन में पोम्पियो से की मुलाकात

मुलाकात के बाद अजरबैजान के विदेश मंत्री ने बताया कि उन्होंने पॉम्पियो से कहा कि नागोर्नो-काराबाख पर आर्मीनियाई कब्जे का खात्मा जरूरी है। नागोर्नो काराबाख को अजरबैजान के क्षेत्र के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली हुई है लेकिन इश क्षेत्र पर आर्मीनियाई मूल के अलगाववादियों का कब्जा है जिन्हें आर्मीनिया का समर्थन प्राप्त है।

बायरामोव ने कहा कि हम संघर्ष का राजनीतिक समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए तुरंत एक ठोस बातचीत फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आर्मीनिया को एक सार्थक बातचीत से बचना बंद करना चाहिए और शांति का चयन करना चाहिए। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री ने वार्ता से अपेक्षाएं रखी हैं। खासकर ऐसे समय में जब सीजफायर को लेकर पिछली सारी बैठकें और फैसले बेनतीजा साबित हुए हैं।

पॉम्पियो ने कहा कि यह एक जटिल कूटनीतिक स्थिति है। हमारा दृष्टिकोण हर यूरोपीय दृष्टिकोण जैसा ही है कि संघर्ष को रोकने का एक ही रास्ता है कि दोनों देशों को डी-एस्कीलेट करने के लिए कहा जाए। वहीं दूसरे देशों को इससे दूर रहना चाहिए और कोई भड़काने का काम जैसे हथियार या किसी तरह का समर्थन नहीं करना चाहिए। इस तरह करके ही एक राजनीतिक समाधान जो सभी के लिए स्वीकार्य हो, प्राप्त किया जा सकता है।

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