अमेरिका ने बनाया दुनिया का सबसे तेज कंप्यूटर, जबकि भारत इस नंबर पर

दुनिया के सभी देशों में सुपर कंप्यूटर बनान की होड़ लगी है। पहले इस मामले में चीन सबसे आगे था लेकिन अब अमेरिका के कंप्यूटर ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका अब दुनिया का ऐसा देश बन चुका है जिसके पास दुनिया का सबसे फास्ट सुपर कंप्यूटर है। इसका नाम है समिट।

अमेरिका का सुपर कंप्यूटर एक एयरक्राफ्ट से भी ज्यादा भारी है। सामान्य कंप्यूटर की तुलना में इसकी स्पीड कई लाख गुना ज्यादा है। इस मामले में ‘टॉप 500’ नाम की संस्था ने आंकड़े जारी किए हैं। संस्था ने दुनियाभर के 500 सुपर कंप्यूटर की सूची जारी की थी, जिसमें अमेरिका पहले नंबर पर है। अमेरिका के सुपर कंप्यूटर के बिजली का सालाना बिल 600 करोड़ रुपये आएगा। इस बात से इसके काम करने का अंदाजा लगाया जा सकता है।

अमेरिका का सुपर कंप्यूटर चीन के सुपर कंप्यूटर की तुलना में 30 फीसदी अधिक तेजी से काम करता है। इसके निर्माण में हजारों चिप लगाए गए हैं। साथ ही इसमें 4,608 सर्वर भी लगे हैं। यह दो टेनिस कोर्ट के बराबर की जगह घेरता है। इस कंप्यूटर को ठंडा करने के लिए प्रति मिनट 4 गैलन पानी का इस्तेमाल किया जाता है।

इस कंप्यूटर की खासियत है कि यह 200 पेटाफ्लॉप की पीक परफॉर्मेंस देता है। और लगभग 200 क्वॉड्रिलियन गणनाएं प्रति सेकंड में करता है।

दुनिया के 500 सुपर फास्ट कंप्यूटर की लिस्ट में भारत के 11 कंप्यूटर शामिल हैं। वहीं इसमें से 2 कंप्यूटर टॉप 100 की सूची में शामिल हुए हैं। अमेरिका के कंप्यूटरों की संख्या 233 है जो कि भारत से काफी ज्यादा है। इसके पीछे का एक कारण है कि भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स दुनिया की अन्य संस्थाओं के साथ काम कर रहे हैं।

दूसरा कारण है भारत के पास बजट की कमी। लेकिन सरकार ने इस कमी को दूर करने के लिए मार्च में नेशनल सुपर कम्प्यूटिंग मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत देशभर में 7 वर्षों में 73 नए सुपर कंप्यूटर्स बनाए जाने की योजना है। इसके लिए 4500 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।

अमेरिका ने बेशक इस मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है लेकिन चीन के सुपर कंप्यूटर में भी बहुत सी खास बातें हैं। अमेरिका के समिट से पहले चीन के पास ही दुनिया का सबसे फास्ट कंप्यूटर था। इसका नाम है सनवे तायहूलाइट। यह ट्रिलियन कैलकुलेशन प्रति सेकंड कर सकता है।
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