एलन मस्क इंडिया में अपना पैर जमाने के लिए बहुत समय से हैं परेशान, बोले-भारत में काम करना कठिन…

 एलन मस्क पिछले कई सालों से अपना कारोबार भारतीय बाजार में बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन अभी तक सफलता हासिल नहीं हुई है। आपको याद हो तो भारत सरकार ने पिछले दिनों एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस से लोगों को दूर रहने के लिए कहा था। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के लिए अभी तक लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। भारत सरकार ने जनता से स्टारलिंक की ब्रॉडबैंड सेवा की सब्सक्रिप्शन न लेने की अपील की थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्टारलिंक ने 1 नवंबर से अपनी इंटरनेट सेवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को शुरू करने के साथ-साथ विज्ञापन देना भी शुरू कर दिया था।

दूरसंचार विभाग (DoT) ने कहा था है कि स्टारलिंक को अपनी ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए अभी तक लाइसेंस नहीं मिला है। कंपनी को भारतीय नियामक ढांचे का पालन करना होगा। वहीं, स्टारलिंक ने कुछ समय पहले बयान जारी कर कहा था कि वह भारत में अपनी सेवाएं देने के लिए उत्सुक हैं। देश में प्री-बुकिंग की संख्या 5000 को पार कर चुकी थी, जिसके बाद सरकार ने कंपनी को फटकार लगाते हुए कहा कि वह सभी ग्राहकों का पैसा वापस करे और भारत में रजिस्ट्रेशन कराए।

एलन मस्क ने ट्वीट कर कहा कि भारत में चुनौतियां

हाल ही में अमेरिका की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क ने कहा है कि भारत में टेस्ला कार बेचने के लिए उन्हें सरकार के स्तर पर बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत में टेस्ला की इलेक्ट्रिक कार बेचने की कंपनी की योजनाओं के बारे में एक ट्वीट के जवाब में मस्क ने ट्वीट किया कि ‘भारत सरकार के स्तर पर कई चुनौतियों का सामना अब भी करना पड़ रहा है।’

एलन मस्क की कारों पर 100 प्रतिशत का टैक्स

टेस्ला इसी साल भारत में इम्पोर्टेड इलेक्ट्रिक कार को बेचने की योजना बना रही है, लेकिन उसका कहना है कि भारत में टैक्स की दर दुनिया में सबसे अधिक है।टेस्ला चाहती है कि भारत में सरकार आयात शुल्क में कमी करे। मस्क का कहना है कि टेस्ला भारत में फैक्टरी खोल सकती है, लेकिन यह देश में उसकी इम्पोर्टेड कारों की सफलता पर निर्भर करेगा। भारत में अभी आयातित कारों पर 60-100 फीसदी तक टैक्स लगता है। 40,000 डॉलर के अधिक मूल्य वाली कारों पर यह 100 फीसदी और इससे सस्ती कारों पर 60 फीसदी है। 

सरकार ऐसा क्यों कर रही? 

वहीं दूसरी ओर सरकार का कहना है कि किसी वाहन निर्माता कंपनी को इस तरह आयात पर टैक्स की छ्रट नहीं दी सकती है। टेस्ला को टैक्स लाभ देने से भारत में निवेश करने वाली अन्य कंपनियों को अच्छा संदेश नहीं जाएगा। सरकार ने हाल ही में यह भी साफ कर दिया कि Tesla Inc भारत आकर स्थानीय निर्माण इकाई शुरू करे और टैक्स छूट का फायदा उठाए। सरकार का कहना है कि टेस्ला इसमें समय ले रही है, क्योंकि आयात करके बेचने पर टेस्ला की कारें महंगी होंगी।

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