अल्लाह तालिबान आतंकवादियों के हाथ का खिलौना नहीं हैं: अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह

अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह तालिबान को लेकर पाकिस्तान पर लगातार हमला बोल रहे हैं. अमरुल्लाह सालेह ने सोमवार रात ट्वीट कर तालिबान और पाकिस्तान को निशाने पर लिया है. अमरुल्लाह ने अपने ट्वीट में लिखा है, ”हेरात बुला रहा है. इस रात हेरात तेज आवाज और बिल्कुल साफ ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगा रहा है. अल्लाह तालिबान आतंकवादियों के हाथ का खिलौना नहीं हैं. हेरात दहाड़ रहा है. अल्लाह पाकिस्तान के प्रोडक्ट नहीं हैं. इस रात हेरात के लोग या तो सड़क पर हैं या छतों पर अफगानिस्तान बलों के समर्थन में खड़े हैं.”

दरअसल, तालिबान और अफगानिस्तान बलों के बीच हेरात में भारी युद्ध छिड़ा हुआ है. कहा जा रहा है कि सोमवार सुबह लश्करबाग में अमेरिका ने हवाई हमले किए हैं. हेरात में तालिबान को हुए नुकसान को लेकर ही अफगान उपराष्ट्रपति ने ये ट्वीट किया है. अफगानिस्तान के टोलो न्यूज के अनुसार, हेलमंड के जिला वन में तालिबान ने जिला गवर्नर के कैंपस और जेल को कब्जे में लेने की कोशिश की.

अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान की बढ़ती ताकत के लिए अफगानिस्तान पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा रहा है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ताशंकद में पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के सामने कहा था कि पाकिस्तान ने हजारों तालिबान लड़ाकों को अफगानिस्तान में भेजा है.

पिछले शनिवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का एक बयान काफी विवादित हो गया था. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने मुल्तान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि तालिबान अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट को रोकने में सक्षम होगा. हालांकि, बाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से स्पष्टीकरण आया और कहा गया कि कुरैशी के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसके लिए अफगानिस्तान में कोई भी पक्ष पसंदीदा नहीं है. हालांकि कुरैशी के इस विवादित बयान को लेकर भी अफगान उपराष्ट्रपति ने निशाना साधा है.

पाकिस्तनी न्यूज चैनल जियो टीवी की खबर को ट्वीट करते हुए अमरुल्लाह सालेह ने लिखा है, ”एक बार फिर से तालिबान आतंकवादियों की ओर से पाकिस्तान बोल रहा है. अफगानिस्तान में पाकिस्तान के रणनीतिक छद्म युद्ध को ही कुरैशी का बयान जगजाहिर कर रहा है. लेकिन क्या ये बताएंगे कि इतना आत्मविश्वास आता कहां से है. हाल में तालिबान के साथ इनकी बैठक कहां हुई है?”

हेलमंड के सांसद शोगुफा नवरोजी ने टोलो न्यूज से कहा, ”अगर यही स्थिति जारी रही तो लश्करबाग में हालात और बिगड़ेंगे.” इस इलाके में अफगानिस्तान की सरकार ने सैकड़ों कमांडो को भेजे हैं. कहा जा रहा है कि लश्करबाग में अफगानिस्तान के सुरक्षाबल बहुत ठीक स्थिति में नहीं है.

हेलमंड के सांसद शोगुफा नवरोजी ने टोलो न्यूज से कहा, ”अगर यही स्थिति जारी रही तो लश्करबाग में हालात और बिगड़ेंगे.” इस इलाके में अफगानिस्तान की सरकार ने सैकड़ों कमांडो को भेजे हैं. कहा जा रहा है कि लश्करबाग में अफगानिस्तान के सुरक्षाबल बहुत ठीक स्थिति में नहीं है.

अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल केवल अफगानिस्तान की सरकार ही नहीं उठाती है बल्कि पश्चिम के देशों से भी उठता रहा है. हाल ही में कनाडा के पूर्व मंत्री और डिप्लोमैट क्रिस एलेक्जेंडर ने कहा था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में छद्म युद्ध और युद्ध अपराध में शामिल है.

उन्होंने यह भी कहा था कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी अफगानिस्तान की सरकार को लेकर आक्रामकता दिखा रहा है. एलेक्जेंडर 2013 से 2014 तक कनाडा के नागरिकता और अप्रवासी मंत्री रहे हैं. रविवार को एलेक्जेंडर ने ट्वीट कर कहा था, ”तालिबान के लड़ाके पाकिस्तान से अफगानिस्तान में घुसने का इंतजार कर रहे हैं…क्या अब भी कोई इस बात से इनकार करेगा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में छद्म युद्ध और युद्धअपराध में शामिल है और अपने पड़ोसी के साथ आक्रामकता दिखा रहा है.”

क्रिस एलेक्जेंडर के इस बयान पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कड़ा ऐतराज जताया था और कहा था कि कनाडा के पूर्व मंत्री पाकिस्तान पर झूठे आरोप लगा रहे हैं. पाकिस्तान ने कहा कि क्रिस एलेक्जेंडर के इस बयान से पता चलता है कि उन्हें जमीनी हकीकत के बारे में कुछ भी पता नहीं है या तो इसकी उपेक्षा कर रहे हैं.

पाकिस्तान की इस टिप्पणी का क्रिस ने दो अगस्त यानी सोमवार को जवाब दिया और कहा, ”अफगानिस्तान को लेकर झूठे दावे पाकिस्तान की सरकार कर रही है. जो भी अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, पाकिस्तान उनका अपमान कर रहा है. पूरे मामले में पाकिस्तान की जवाबदेही जरूर तय होनी चाहिए.” अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कनाडा के पूर्व मंत्री क्रिस एलेक्जेंडर को टैग करते हुए उनकी बात के समर्थन में लिखा है, ”क्रिस एलेक्जेंडर करोड़ों अफगान, पश्चिम के उन लाखों हस्तियों, जो डिप्लोमैसी के स्तर पर पर्याप्त चीजें नहीं कर पा रहे हैं, की ओर से और अपनी आत्मा से बोल रहे हैं, जो झूठ के खिलाफ हैं.” क्रिस एलेक्जेंडर आपको सलाम.”

अफगानिस्तान की सरकार और पाकिस्तान की सरकार तालिबान को लेकर आमने-सामने है. अफगानिस्तान खुलेआम कहता है कि पाकिस्तान तलिबान को समर्थन दे रहा है. पाकिस्तान के भी कई लोग सवाल उठाते हैं कि अफगानिस्तान एक लैंडलॉक्ड देश है. वो छह देशों से घिरा हुआ है. ऐसे में तालिबान को हथियार और अन्य तरह की मदद कौन मुहैया करा रहा है?

अतीत में तालिबान के कई बड़े नेताओं को अमेरिका ने पाकिस्तान में मारा था और अल-कायदा के सबसे बड़े आतंकवादी ओसामा बिन-लादेन को भी अमेरिका ने पाकिस्तान में ही मारा था.

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