गरीबों, लौटते मजदूरों के लिए अन्नपूर्णा बन गया अक्षर फाउंडेशन

उत्तर प्रदेश में लाकडाउन के चलते रोजी रोटी गंवा बैठे गरीबों और लाखों की तादाद में लौटते मजदूरों के लिए गाजीपुर के सैदपुर में काम कर रही अक्षर फाउंडेशन अन्नपूर्णा साबित हो रही है।


फाउंडेशन की ओर से हर रोज हजारों की तादाद में गाजीपुर जिले के सौदपुर विधानसभा क्षेत्र में लोगों को तैयार भोजन बांटा जा रहा है। फाउंडेशन की कर्त्ताधर्ता रीना सुभाष पासी बताती हैं कि रमजान शुरु होने के बाद मजलूम मुसलमान परिवारों के घर तक हर शाम इफ्तारी किट पहुंचाया जाने लगा है। इफ्तारी किट में खजूर, मिठाई से लेकर सभी जरुरी चीजें मौजूद रहती हैं। फिलहाल फाउंडेशन की ओर से सैदपुर में ही 2000 मुस्लिम परिवारों तक यह इफ्तारी किट पहुंचायी जा रही है। हर रोज शाम चार बजे फाउंडेशन के कार्यकर्त्ताओं की टोली इफ्तारी किट लेकर निकलती है और घर-घर बांटती है।


रीना बताती हैं कि गाजी से बलिया की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर अपने घरों को लौट रहे सैकड़ों मजदूरों को अक्षर फांउडेशन के कार्यकर्त्ता खाना खिला रहे हैं। उनका कहना है कि हम लोग महज खानापूरी के लिए लोगों को खाना नही दे रहे हैं बल्कि उनके स्वाद और स्तास्थ्य का भी पूरा ख्याल रख रहे हैं। फाउंडेशन की ओर से बंटने वाले खाने में हर रोज मैन्यू बदलने का निर्देश सैदपुर विधायक सुभाष पासी का होता है। हर रोज मजदूरों व गरीबों को दिए जाने वाले खाने के पैकेट में पूड़ी, आलू सोयाबीन की सब्जी के साथ हलवा को कभी कोई अन्य सब्जी रखी जाती है।


अक्षर फांउडेशन की रीना सुभाष पासी का कहना है कि उनके संगठन की ओर से खाने को तैयार करने से लेकर बांटने तक में सभी स्वास्थ्य के मानकों का व सोशल डिस्टैंसिंग का ख्याल रखा जाता है। अक्षर फांउडेशन के आशू दुबे के नेतृत्व में 32 निष्ठावान कार्यकर्त्ताओं की एक टीम दिन रात काम करते हुए भोजन तैयार करने से लेकर उसे बंटवाने का काम देख रही है। रीना के मुताबिक उनके फाउंडेशन की ओर से भोजन बांटने का काम तब तक चलता रहेगा जब तक लोगों को परेशानी रहेगी।
सौदपुर विधायक सुभाष पासी ने कहा कि वो इस पूरे इलाके के उन लोगों को जो मुबई या दूसरे महानगरों में फंसे हैं, लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब तक बड़ी तादाद में लोग वापस भी आए हैं। बीते 22 अप्रैल को सुभाष पासी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर गाजीपुर के 1600 लोग जो मुंबई में फंसे थे उन्हें वापस बुलाने का अनुरोध किया था।

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