अकाली नेता मुक्खा के फेक एनकाउंटर का मामला, SSP समेत10 पुलिसवालों को समन

होशियारपुर.अमृतसर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राजन अरोड़ा की कोर्ट ने वहां के अकाली नेता मुखजीत सिंह मुक्खा के फेक एनकाउंटर मामले में अमृतसर देहाती के एसएसपी परमपाल गांधी समेत 10 पुलिसवालों को समनिंग की है। इन्हें 8 सितंबर को तलब किया गया है। इनमें से 9 पुलिसवालों को धारा 302, 341, 348, 149 और एसएसपी परमपाल गांधी को सबूत मिटाने के आरोप में आईपीसी की धारा 201 के तहत समनिंग की गई है। कोर्ट ने यह समनिंग मुक्खा के भतीजे प्रिंसपाल की ओर से दायर इस्तेगासे पर किए।
 Akali leader Mukka's Fake Encounter case, summons to 10 policemen including SSP
23 गोलियां मारी थीं मुक्खा को मुखजीत सिंह मुक्खा 16 जून 2015 की शाम 6.30 बजे पंदेर गांव में अपने रिश्तेदार सुखदेव सिंह से मिलकर लौट रहे थे तब वेरका गांव के पास पुलिस पार्टी ने बिना कन्फर्म किए आटोमैटिक वैपन से उनकी कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। पुलिसवालों ने फायरिंग में एके-47 और 9 एमएम पिस्टल का इस्तेमाल किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, मुक्खा के सीने में 23 गोलियां लगी थी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।

विरोध हुआ तो बनी एसआईटी

मुक्खा का इलाके में काफी रसूख था इसलिए लोगों को पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं किया। अमृतसर में स्थानीय लोगों के प्रदर्शन से जब दबाव बढ़ा तो तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने आईजी क्राइम जी. नागेश्वर राव की अध्यक्षता में एनकाउंटर की जांच के लिए एसआईटी बना दी। सालभर की जांच के बाद एसआईटी ने पाया कि मुक्खा ने अपने लाइसेंसी हथियार से कोई फायरिंग नहीं की थी। इसी जांच में एक और सनसनीखेज बात सामने आई और वो ये कि एनकाउंटर के समय पुलिसवालों ने जो गाड़ियां इस्तेमाल कीं, वह किसी अन्य मामले में पकड़ी गई थीं। पुलिस पार्टी ने जिन हथियारों का इस्तेमाल किया, वह भी उनके अपने नहीं थे। ये हथियार जिन्हें अलॉट किए गए थे, वह तो इस घटना में शामिल ही नहीं थे। तब एसआईटी की रिपोर्ट पर 9 पुलिसवालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 और 34 के तहत केस दर्ज किया गया था। हैरानी वाली बात ये है कि उस केस में न तो एसएसपी परमपाल गांधी का नाम था और न आरोपी 9 पुलिसवालों में से किसी को गिरफ्तार किया गया और न उन्होंने जमानत ली। ये सभी अब तक पुलिस ड्यूटी निभा रहे हैं।

अब इस्तगासे में फंसे 10 पुलिसवाले

मुक्खा के भतीजे प्रिंसपाल ने अमृतसर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में 23 फरवरी 2016 को एक प्राइवेट कंप्लेंट दायर की जिस पर तकरीबन डेढ़ साल की सुनवाई के बाद बुधवार को अदालत ने एसएसपी परमपाल सिंह गांधी समेत 10 पुलिसवालों को समन कर दिया। गांधी के अलावा जिन 9 पुलिसवालों को समन किया गया है, उनमें सब इंस्पेक्टर रमेश कुमार, एएसआई जोगिन्दर सिंह, हैड कांस्टेबल राजेश कुमार, हैड कांस्टेबल जसबीर सिंह, हैड कांस्टेबल संदीप कुमार, हैड कांस्टेबल रणबीर सिंह, कांस्टेबल राजकुमार, नवजोत और सतिंदर शामिल है।

मरने वाले पर ही 307 का केस दर्ज

उस समय पुलिस ने दावा किया था कि उन्हें कार में गैंगस्टर जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया के होने का शक था। जब कार रुकवाई तो मुक्खा ने पुलिस पर फायरिंग की जिसके जवाब में पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी। घटना के अगले दिन, 17 जून 2015 को मुक्खा पर ही पुलिस पर फायरिंग करने के आरोप में धारा 307 के तहत केस दर्ज कर लिया गया था।

ये भी पढ़ें:- अभी-अभी: हुआ एक और ट्रेन हादसा हजारों लोगों की गईं…चारों तरफ मचा हड़कंप

गांधी पर फर्जी डिग्री मामले में भी चल रहा है केस

इस केस में अमृतसर देहाती के एसएसपी परमपाल गांधी पर आरोप है कि जब ये घटना हुई तो वह अमृतसर के डीसीपी थे। एक अन्य पुलिस अफसर के साथ मौके पर पहुंचने के बाद उन्होंने मुक्खा की गाड़ी की नंबर प्लेट उतारने को कहा और घटना को गैंगस्टर से जोड़ने की कोशिश की। यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि परमपाल गांधी के खिलाफ बिहार में फर्जी डिग्री के मामले में धारा 420 के तहत केस चल रहा है। उधर मुक्खा के परिवार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी गांधी के खिलाफ कत्ल का केस दर्ज करने के लिए याचिका दायर कर रखी है। इस पूरे मामले में जब पक्ष जानने के लिए परमपाल गांधी से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
Back to top button