अमेरिका और रूस के बीच हुआ समझौता, अगले एक साल तक मरमाणु हथियारों पर लगा नियंत्रण

वाशिंगटन। अमेरिका और रूस हथियार नियंत्रण समझौते को अगले एक साल तक और बढ़ाने के लिए राजी हो गए हैं। अमेरिका और रूस दोनों ही इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए अपनी रजामंदी दे चुके हैं। दरअसल रूस ने मंगलवार को कहा कि वह परमाणु आयुधों की संख्या को मौजूदा सीमा पर ही बरकरार रखने को तैयार है। इसी के साथ ये पेशकश भी की कि वो दोनों देशों के बीच पिछले हथियार नियंत्रण समझौते को एक वर्ष के लिये और बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिये तैयार है।

ओबामा और रूसी राष्ट्रपति ने किए थे स्वागत

‘न्यू स्टार्ट’ संधि पर 2010 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और तत्कालीन रूसी राष्ट्रपति दमित्री मेदमेदेव ने हस्ताक्षर किए थे। यह संधि प्रत्येक देश को 1,550 से ज्यादा तैनात परमाणु आयुधों और 700 प्रक्षेपास्त्रों और बमवर्षक परमाणु आयुधों से ज्यादा की तैनाती की इजाजत नहीं देती। इसका पालन किया जा रहा या नहीं इसको देखने के लिए मौके पर जाकर निरीक्षण करने का भी प्रावधान है। दोनों देशों के बीच फिलहाल ‘न्यू स्टार्ट’ एक मात्र परमाणु हथियार नियंत्रण करार है।

अमेरिका और रूस के बीच हुआ समझौता, अगले एक साल तक मरमाणु हथियारों पर लगा नियंत्रण

अमेरिका ने किया स्वागत

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने रूस की पेशकश का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका तेजी से समझौते को लागू करने के लिये तैयार है। ओर्टागस ने एक बयान में कहा कि परमाणु हथियार नियंत्रण के मुद्दे पर प्रगति के लिये रूस की इच्छा की हम सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका एक सत्यापन योग्य समझौते को अंतिम रूप देने के लिए तुरंत मिलने के लिए तैयार है।

हमें उम्मीद है कि रूस अपने राजनयिकों को ऐसा करने के लिए शक्तियां देगा। इससे पहले रूस के विदेश मंत्रालय का बयान इस मामले को लेकर उसके पूर्व के रुख से अलग है। रूस और अमेरिका दोनों ने फरवरी में खत्म हुई ‘न्यू स्टार्ट’ संधि के संदर्भ में एक दूसरे के प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। उसके बाद रूस के मंत्रालय ने कहा कि अगर अमेरिका भी ऐसा करता है तो वह करार के लिये तैयार है और कोई अतिरिक्त मांग नहीं करता।

दोनों देशों के पास हथियारों का बड़ा भंडार

वैसे तो अमेरिका और रूस दोनों के पास हथियारों का भंडार मौजूद है मगर संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में रूस के पास हथियारों की रेंज कुछ ज्यादा है। रुस लगातार परमाणु-सक्षम हथियारों की नई प्रणालियों को विकसित करने के लिए पैसा लगाता रहता है। रूसी विदेश मंत्रालय ने वाशिंगटन द्वारा किसी भी अतिरिक्त मांगों को मानने से इनकार कर दिया है। एक बयान में कहा कि एक साल के विस्तार को इसलिए मान लिया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका इसमें अब किसी और शर्त को आगे नहीं जोड़ेगा ना ही कोई और बात करेगा। मगर जिन शर्तों के साथ ये समझौता किया गया वो ही माना जाएगा। एक साल के बाद इसका नवीनीकरण होगा। तब नियम और शर्तें बदली जाएंगी।

Back to top button