कर्ज के बाद अब बारिश और ओलावृष्टि ने तोड़ी पंजाब के किसानों की कमर

कर्ज में डूबे पंजाब के किसानों पर अब बारिश व ओलावृष्टि की मार पड़ी है। खेतों में लहलहा रही हजारों एकड़ में बीजी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। किसान माथा पीटने को मजबूर हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने अगले 48 घंटों में बारिश की संभावना जताई है। इससे किसानों की पेशानी पर और बल पड़ गया है। उधर, बारिश, आंधी व ओलावृष्टि की संभावनाओं के मद्देनजर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने दो लाख किसानों को वॉट्सएप से एडवाइजरी भेजी है। किसानों को अगले दो दिन तक फसल न काटने का सुझाव दिया गया है।

गत दिवस आंधी के साथ आई बारिश के कारण मोहाली, कपूरथला, लुधियाना और रोपड़ में गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई। पंजाब में कुल 3.4 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि मोहाली में सबसे ज्यादा 13.5 मिलीमीटर पानी बरसा। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के वैज्ञानिकों ने अलर्ट कर दो लाख से अधिक किसानों को वाट्सएप के जरिए भेजी एडवाइजरी पंजाब में आगामी दो दिनों तक धूल भरी हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि के पूर्वानुमान ने राज्य के किसानों के साथ-साथ वैज्ञानिकों की चिंता भी बढ़ा दी।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने खेतों में तैयार खड़ी गेहूं की फसल को बारिश की भेंट चढऩे से बचाने के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। अलर्ट में आगामी दो दिन तक गेहूं की कटाई न करने की सलाह दी है। पीएयू के मौसम विशेषज्ञ डॉ. केके गिल के अनुसार आने वाले दो दिन किसानों के लिए आफत भरे होंगे। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से राज्य में 11 अप्रैल की शाम तक ओलावृष्टि, तेज हवाएं व बारिश का पूर्वानुमान है। खासकर गुरदासपुर, अमृतसर, पठानकोट, तरनतारन, होशियारपुर, फतेहगढ़ साहिब, रोपड़, चंडीगढ़, खन्ना, पटियाला, मालरेकोटला में।

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