केरल की तबाही के बाद अब इस राज्य में आने वाली है सबसे बड़ी तबाही, चरों तरफ खतरा ही खतरा

स्‍वयं भगवान की धरती कही जाने वाली केरल पर इस समय ईश्‍वर का कहर बरपा रहा है! मसूलधार बारिश की वजह से पूरा Kerala पानी में डूब चुका है और इस State के 13 से भी ज्‍यादा जिलों में पानी भर चुका है।

Karnataka Floods After Kerala-

CM पिनारायी विजयन ने बताया कि अब तक 19,500 करोड़ की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचा है।

पिछले 100 सालों में केरल जैसी प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) का मंजर अब तक देखने को नहीं मिला था। यहां पर लोग बिना बिजली और खाने के जीवन बसर कर रहे हैं। स्‍थानीय MLA अब्राहिम का कहना है कि State के कई लोग तो घर की पहली मंजिल तक पानी भर जाने की वजह से घंटों तक छतों पर बैठे रहते हैं। अब हालात और भी ज्‍यादा बदतर होते जा रहे हैं और इसी वजह से Kerala राज्‍य में High Alert जारी कर दिया गया है।

Kerala को इस मुसीबत से उबारने के लिए PM Modi ने राज्‍य को 500 करोड़ की मदद देने की बात कही है। साथ ही उन्‍होंने हर परिवार को 2 Lakh रुपए की मदद और जिन लोगों को गंभीर चोटें आई हैं उन्‍हें राष्‍ट्रीय राहत कोष (National Relief Fund) से अतिरिक्‍त 50 हज़ार रुपए की मदद दी जाएगी।

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बाढ़ की वजह से तहस-नहस हुए Kerala State ने अब राहत की सांस ली है। अब धीरे-धीरे जनजीवन सामान्‍य हो रहा है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। Scientists की मानें तो Kerala जैसी तबाही अब एक और राज्‍य में देखने को मिल सकती है।

इस State में आएगी केरल जैसी तबाही

Scientists का कहना है कि केरल के बाद अब Karnataka पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। Scientists ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले दिनों में इससे भी भयानक रूप देखने को मिल सकता है।

मौसम बरसा सकता है कहर

नेचर कम्‍युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुई रिपोर्ट के अनुसार North America, Europe और Asia के कई हिस्‍सों में अत्‍यधिक प्रलयकारी मौसम अपना कहर दिखा सकता है। Scientists के अनुमान के अनुसार Karnataka में केरल से भी ज्‍यादा बुरी और भयंकर बाढ़ आ सकती है।

Global Warming है कारण

वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल में आई बाढ़ Global Warming का नतीजा है।

इंसानों द्वारा किया गया Green House गैसों का उत्‍सर्जन पूर्व की ओर बहने वाली हवाओं में रुकावटें उत्‍पन्‍न करता है और इसकी वजह से गर्मी के मौसम की समय अवधि बढ़ जाती है। इसके बाद बारिश भी जरूरत से ज्‍यादा होती है। ग्रीन हाउस गैसों की वजह से बढ़ रही Global Warming प्रकृति के बने बनाए ढांचे को बिगाड़ रही है।

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