भैंसे की मौत के बाद मालिक ने रीति-रिवाज से किया अंतिम संस्‍कार

बैतूल में इन दिनों एक भैंसे की मौत के बाद उसके श्रद्धांजलि कार्यक्रम के लिए बांटे गए आमंत्रण पत्र सुर्खियों में हैं. चूड़िया गांव में राजाजी नाम का ये भैंसा इसलिए खास बन गया क्योंकि उसने अपने मालिक को रंक से राजा बना दिया था. इसी वजह से मालिक ने भी उसकी मौत के बाद ना केवल उसका अंतिम संस्कार किया बल्कि पूरे रीति-रिवाज के साथ उसकी तेरहवीं कार्यक्रम भी आयोजित किया जिसमें पूरा गांव शामिल हुआ और भैंसे राजाजी को श्रद्धांजलि दी. 

बदल दी थी मालिक की जिंदगी

बता दें कि श्रद्धांजलि कार्यक्रम के लिए बाकायदा आमंत्रण पत्र बांटे गए थे और भंडारे का भी इंतजाम किया गया था. भैंसे राजाजी की पिछले दिनों लम्बी बीमारी के बाद मौत होने के बाद उसके मालिक मुसरू यादव ने रीति-रिवाजों से उसका अंतिम संस्कार किया और तेरहवीं का कार्यक्रम भी किया. मुसरू यादव ने बताया कि जिस वक़्त मुसरू का अपनों ने साथ नहीं दिया तब राजाजी ने अपने दम पर मुसरू की ज़िंदगी बदल दी. 

मजदूरी छोड़ शुरू की खेती 

परिवार और अपनों से परेशान चिचोली ब्लॉक के चूड़िया गांव का एक मजदूर मुसरू यादव 23 साल पहले राजाजी को खरीद कर लाया था. राजाजी काफी अच्छी नस्ल का था इसलिए मुसरू ने उसे स्पर्म डोनेशन के काम में लगा दिया. कुछ ही समय में राजाजी ने मुसरू की किस्मत बदल दी और मुसरू ने मज़दूरी छोड़ खेतीबाड़ी भी शुरू कर दी. इस तरह मुसरू के लिए राजाजी नाम का ये भैंसा खास बन गया. 

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पशु प्रेम की मिसाल 

मुसरू यादव का अपने भैंसे के प्रति भावनात्मक लगाव देखकर पूरे गांव ने इस दुख की घड़ी में उसका साथ दिया. गांववाले ने इसे सनक नहीं बल्‍कि पशु प्रेम की मिसाल का नाम दिया है. गांव के युवा भी पशु प्रेम की इस परंपरा को आगे बढ़ाना चाहते हैं.

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