ज्योतिषाचार्य ने भद्रा काल के बाद ही बताया होलिका दहन का समय, फाल्गुनी नक्षत्र और शुभ योग में करें पूजन
सनातन संस्कृति के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है, जो इस बार 17 मार्च यानी गुरुवार को पड़ रहा है। इस दिन फाल्गुनी नक्षत्र और शुभ योग में होलिका दहन होगा। होलिका दहन के लिए घरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं, उपले, गन्ना और जौं बालियां भी घरों में रख ली गई हैं, बस इंतजार है तो दहन और पूजन के समय का। इस बार मध्यरात्रि 12:57 तक भद्रा होने के चलते इसके बाद ही होलिका का पूजन व दहन किया जाएगा। वहीं, 19 मार्च को भैया दूज का पर्व है और बहनें भाइयों को टीकाकर पर्व मनाएंगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित केए दुबे पद्मेश ने बताया कि भद्रा समाप्ति के बाद ही होलिका दहन किया जाएगा। होलिका में गन्ना और जौ अर्पित करने के साथ विधिवत पूजन-अर्चन करने की परंपरा है। धूनी ध्यान केंद्र के आचार्य अमरेश मिश्र ने बताया कि फाल्गुनी नक्षत्र और शुभ योग इस बार होलिका के महत्व को बढ़ा रहा है। होलिका पूजन के स्थान पर धूप, दीप और गोबर का लेप कर चौक बनाना चाहिए। इसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच होलिका दहन कर उसमें गेहूं की बाली और गन्ना लेकर ओम होलिकाय नम: का जाप करते हुए 11 परिक्रमा करनी चाहिए।
भगवान विष्णु का करें स्मरण : भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए होलिका की परिक्रमा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। होलिका में हवन सामग्री और लौंग अर्पित करना भी शुभकारी होता है।