बरी होने के बाद घर पहुंचकर घंटो रोई माया कोडनानी

नरोदा पाटिया दंगे के मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी शुक्रवार को अपने घर में बंद रहीं. गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाया था. कोडनानी अहमदाबाद के पॉश श्यामल इलाके के अपने दोमंजिला बंगले में रहती हैं.

जानकारी के मुताबिक जब हाई कोर्ट का फैसला आया तो माया कोडनानी रोने लगी थीं. कोडनानी के सुरक्षा गार्ड ने बताया कि फैसला आने के करीब घंटे भर बाद तक वह रोती रहीं. इसके बाद उन्हें कुछ फोन कॉल भी आए.

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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार माया को अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर उनके बेटे मोनिश ने फोन किया था. इसके अलावा माया कोडनानी के पास उनकी बहन लता और भाई नारायण मेघानी का भी फोन आया था.

माया के छोटे भाई नारायण मेघानी ने फैसले के बाद कहा, ‘पिछले 10 साल से हम ट्रॉमिक कंडीशन में जी रहे थे. हमें परमेश्वर पर सबसे ज्यादा भरोसा था और भारत की न्यायपालिका में विश्वास रखे हुए थे. हमको पता था कि एक न एक दिन सत्य की विजय होगी.’

उन्होंने आगे कहा, ‘सेशन कोर्ट ने सच को नकार दिया था. उस जज की कुछ मजबूरियां रही होंगी, मैं उनके बारे में बात नहीं करना चाहता. हमें पता है कि 16 साल पहले नरोदा पाटिया में क्या हुआ था. वहां मरे 97 लोगों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं. इसके साथ ही हम ये कहना चाहते हैं कि माया वहां पर नहीं थीं.’

माया के परिवार ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को भी अपने निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि तीस्ता ने माया को दंगों के मामले में गलत तरीके से फंसाया. माया के भाई ने कहा, ‘कुछ एनजीओ खासकर तीस्ता सीतलवाड़, को कभी हिंदू समाज के फेवर में नहीं रहे. वे हमेशा हिंदू समाज के विरोध में ही रहे हैं, उन्होंने ये सब किया.’ मेघानी अहमदाबाद की योगाश्रम सोसाइटी में रहते हैं.

इस केस की पूरी सुनवाई के दौरान माया के साथ रहीं उनकी बहन लता ने फैसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा है कि अब वे लोग मंदिर जाएंगे. माया कोडनानी के आवास में तैनात एक गार्ड ने बताया कि फैसले के बाद माया अपने परिवार के सदस्यों को लेकर वस्त्रपुर के एक मंदिर में गई थीं. माया की मां भी दोपहर में एक मंदिर में गईं.

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