RBI की पाबंदी बाद, लक्ष्मी विलास बैंक का नया प्लान, दूर होगी ग्राहकों की टेंशन

आरबीआई की पाबंदी झेल रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक का एक नया प्लान सार्वजनिक हुआ है. उम्मीद की जा रही है कि इस प्लान के जरिए लक्ष्मी विलास बैंक की आर्थिक सेहत सुधर जाएगी आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं..

डीबीएस बैंक के साथ विलय की योजना
दरअसल, आरबीआई ने लक्ष्मी विलास के डीबीएस बैंक के साथ विलय की ड्राफ्ट योजना सार्वजनिक की है. इस योजना के तहत सिंगापुर का डीबीएस बैंक अपने भारतीय बैंक में 2,500 करोड़ रुपये खर्च करेगा. डीबीएस बैंक भारत में साल 1994 से सक्रिय है. 

आरबीआई ने क्या कहा
आरबीआई ने कहा, ‘‘विलय योजना को मंजूरी मिलने पर इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में सिंगापुर का डीबीएस बैंक 2,500 करोड़ रुपये (46.3 करोड़ सिंगापुर डॉलर) लगाएगा.  इसका वित्त पोषण पूरी तरह से डीबीएस के मौजूदा संसाधनों से किया जायेगा.

लक्ष्मी विलास बैंक पर लगी है पाबंदी
आपको बता दें कि निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने तक के लिए पाबंदियां लगा दी गई हैं. इस पाबंदी में बैंक का कोई खाताधारक ज्यादा से ज्यादा 25,000 रुपये तक की निकासी कर सकेगा.

क्यों लिया फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक बैंक की ओर से विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना नहीं पेश करने की स्थिति में जमाधारकों के हित में यह फैसला किया गया है. साथ ही बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का भी ख्याल रखा गया है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. 

लक्ष्मी विलास बैंक का प्रशासक नियुक्त 
इसके साथ ही केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टी. एन. मनोहरण को लक्ष्मी विलास बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.

94 साल पुराना बैंक
बता दें, करीब 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के मैनेजमेंट में उथल-पुथल का दौर काफी समय से चल रहा था. बता दें कि बैंक पिछले कुछ साल से पूंजी जुटाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन सफल नहीं हुआ. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में विलय के प्रस्ताव को आरबीआई ने 2019 में खारिज कर दिया था. 

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