आखिर क्या होता है नाभि का खिसकना, और क्या है इसके लक्षण…

नाभि का खिसकना शायद आप सभी लोगों को पता होगा. घर में आपने कभी ने कभी जरूर इसके बारे में सुना होगा. इस बात को गोला खिसकना भी बोलते हैं. लोग अधितर यह बोलते सुने जाते हैं कि इसकाम को करने से मेरी नाभि (गोला) खिसक गई. इसके बाद लोग पेट दर्द, घबराहट, जी मिचलाने की शिकायत करते हैं. नाभि खिसकना वास्तव में क्या होता है. इसके बारे में थोड़ा आप लीजिए. नाभि के स्थान पर नाड़ी का ऊपर या नीचे की ओर खिसकना ही नाभि खिसकना कहलाता है. नाभि अक्सर भारी वजन उठाने, अचानक झुकने, सीढ़ियां चढ़ने, अचानक मुड़ने, ज्यादा मसालेदार भोजन करने या कुछ मामलों में यौन गतिविधियों के कारण खिसक जाती है.

जो व्यक्ति एक पैर पर ज्यादा देर तक दवाब डालकर खड़े रहते हैं या भार उठाते समय एक तरफ ज्यादा जोर देते हैं उनकी नाभि खिसक सकती है. आयुर्वेद के मुताबिक जैसे रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन आ सकता है, उस तरह नाभि और पेट की मांसपेशियों में भी मरोड़ आ सकती है. ऐसा होने पर नाभि अपनी जगह से हटकर ऊपर या नीचे चले जाती है.

अगर नाभि नीचे की ओर खिसकती है तो दस्त और पाचन में गड़बड़ी होती है. वहीं ऊपर की और खिसकने पर उल्टी, जी मिचलाना, घबराहट या कब्ज हो जाता है. आगे-पीछे खिसकती है तो पेट में दर्द होता है. महिलाओं की नाभि खिसकने पर मासिक धर्म अनियमित हो सकता है. कई बार ये लक्षण किसी और वजह से भी हो सकते हैं.

इन तरीकों से जानें नाभि खिसकी है या नहीं

यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्या वाकई नाभि खिसकी है तो इसके लिए घर पर ही कुछ तरीकों से जान सकते हैं.एक तरीके में नाभि से पैर के अंगूठे की दूरी नापते हैं. इसमें पहले तो पीठ के बल सीधा लेटें और फिर एक रस्सी से नाभि से पैरों के अंगूठे की दूरी किसी को नापने को कहें. दोनों पैरों के अंगूठों की दूरी में कितना अंतर है, इससे नाभि खिसकने के संकेत मिलते हैं.

नाभि में नाड़ी ढूंढना एक अन्य तरीका है. इसमें पीठ के बल लेटते हुए अपने हाथ का अंगूठा नाभि के स्थान पर रखना होता है. यदि अंगूठे पर नाभि में धड़कन का एहसास हो तो सही जगह है वरना नाभि खिसक गई है.

नाभि खिसकने के घरेलू उपाय
लक्ष्मीदत्त शुक्ला का कहना है कि नाभि खिसकने के घरेलू उपचारों में मालिश करवाना शामिल है.नाभि पर मालिश कर इसे सही जगह लाया जाता है लेकिन यह घर के बड़े-बुजुर्ग ही कर सकते हैं जो कि इसमें विशेषज्ञ हों. मसाज के दौरान एक्युप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव डाला जाता है.

दीये का इस्तेमाल कर भी उपाय किया जा सकता है. इसके लिए जमीन पर लेटें और फिर दीये में तेल डालकर इसे जलाते हुए नाभि के बीच में रखना चाहिए. इस दीये के ऊपर कांच की गिलास रखें और गिलास पर हल्का सा दबाव डालें ताकि हवा बाहर न आएं. दीये के अंदर बनी भाप से गिलास नाभि से चिपक जाएगी. इसे हल्के हाथ से उठाने पर त्वचा भी ऊपर उठेगी. हवा बाहर आएगी और नाभि की त्वचा सामान्य स्थिति में आएगी. नाभि पर दबाव पड़ने से यह सही जगह आ जाएगी.

कुछ योगासनों का सहारा लेकर भी राहत पा सकते हैं. नाभि खिसकने पर भुजंगासन, वज्रासन, चक्रासन, धनुरासन, मकरासन मत्स्यासन करने से फायदा होता है.

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