1100 साल बाद इस नवरात्री में बन रहा महासंयोग इन तीन राशियां हो जायेंगी मालामाल

साल में 4 नवरात्रि होते हैं इनमें 2 नवरात्रि ऐसे होते हैं जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। और एक नवरात्रि को शरद नवरात्रि जिसका जाता है जिसे सभी लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं और दूसरी नवरात्रि है चैत्र नवरात्रि जो कि18 मार्च से 25 मार्च तक है।

1100 साल बाद इस नवरात्री में बन रहा महासंयोग इन तीन राशियां हो जायेंगी मालामालआपकी जानकारी के लिए बता दें कि नौ रातों का समूह यानी नवरात्रों की शुरूआत अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पहली तारीख 18 मार्च से होने जा रही है।इन 9 दिनों में दुर्गा के 9 रूपों कि पूजा की जाती है अश्विन पक्ष में आने वाले नवरात्रे शारदीय नवरात्रे भी कहलाते है नवरात्रों कि शुरुआत सनातन काल से हुई थी सबसे पहले भगवान राम ने समुद्र किनारे 9 दिन तक दुर्गा माँ की पूजा की थी और इसके बाद ही लंका की तरफ प्रस्थान किया था . फिर उन्होंने युद्ध में विजय भी प्राप्त की थी इसलिए दसवे दिन दशहरा मनाया जाता है माना जाता है कि अधर्म की धर्म पर जीत असत्य की सत्य पर जीत के लिए दसवे दिन दशहरा मनाते है.

जानिये नवरात्रि का शुभ समय क्या है !
माँ दुर्गा का विशेष आशीर्वाद लेने की अगर आप कामना करते है तो आपको कुछ बाते विशेष तौर पर अपनानी होगी. जिसमे से सबसे पहले है शुभ मुहर्त में पूजा करना. नवरात्र में लोग अपने घरो में कलश कि स्थापना करते है ये कलश शुभ मुहूर्त में स्थापित करने से आपके जीवन में आने वाली परेशानियाँ खत्म हो जाती है इस बार नवरात्रि का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 3 मिनट से 8 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.

इसके बाद 9 दिन तक रोजाना माँ दुर्गा का पूजन और उपवास किया जाता है अभिजीत मुर्हूत 11.36 से 12.24 बजे तक है देवी बोधन 23 मार्च शुक्रवार को होगा. बांग्ला पूजा पद्धति को मानने वाले पंडालो में उसी दिन पट खुल जायेंगे जबकि 24 मार्च सप्तमी तिथि को सुबह 9.40 बजे देर शाम तक माता रानी के पट खुलने का शुभ मुहूर्त है शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना से आपकी पूजा सफल होती है.

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