आतंकी संगठन तालिबान को लेकर अफगानी प्रवासियों ने दुनियाभर में पाकिस्तान के खिलाफ किया प्रदर्शन…

अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान का समर्थन करने के लिए अफगान प्रवासियों ने पाकिस्तान के खिलाफ दुनिया भर में प्रदर्शन किए। उन्होंने प्रदर्शन के जरिए तालिबान को पाकिस्तान द्वारा समर्थन और अफगान मामलों में उनके हस्तक्षेप का विरोध किया। प्रवासियों द्वारा वाशिंगटन, ब्रुसेल्स, डेनमार्क, जर्मनी और ब्रिटेन में विरोध प्रदर्शन किए गए। इस दौरान 16 जुलाई को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में अफगान दूत नजीबुल्लाह अलीखिल की बेटी सिलसिला अलीखिल के अपहरण को लेकर भी विरोध किया गया।

विश्व के कई देशों विरोध प्रदर्शन

जानकारी के मुताबिक, वाशिंगटन में 23 जुलाई को और ब्रुसेल्स में 25 जुलाई को प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान में आतंकी संगठनों की मौजूदगी और गतिविधियों पर जोर दिया, साथ ही कहा कि, उन्हें चीन के समर्थन से बढ़ावा दिया जा रहा है। अफगानी प्रवासियों के मुताबिक पाकिस्तान में धार्मिक मदरसे आतंकवादियों के लिए प्रजनन स्थल हैं और पाकिस्तानी सेना ने बीजिंग की सहायता से गिलगित-बाल्टिस्तान पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने अफगानिस्तान में स्थायी युद्धविराम का आह्वान किया है।

डेनमार्क और जर्मनी में भी प्रदर्शन

डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में, पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) से जुड़े लोगों ने, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी द्वारा 11 वर्षीय यूलूस यार खान के कथित अपहरण के खिलाफ 23 जुलाई, 2021, को पाकिस्तान दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, जर्मनी में अफ़गान प्रवासी 24 जुलाई 2021 को बर्लिन में ब्रैंडेनबर्ग गेट के सामने जमा हुए और अफगानिस्तान के मामलों में पाकिस्तान के हस्तक्षेप का विरोध किया और इस दौरान सभी ने अफगान सरकार के साथ एकजुटता व्यक्त की।

लंदन में लगे पाक विरोधी नारे

लंदन में अफगानों ने 23 जुलाई 2021 को पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पाकिस्तान विरोधी और सेना विरोधी नारे लगाए और पाकिस्तान से तालिबान का समर्थन बंद करने का आह्वान किया। इससे पहले, पाकिस्तान के सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अखुनजादा महमूद सईद को, 16 जुलाई के दिन रियाद में अफगान नागरिकों द्वारा, सोशल मीडिया पर पाकिस्तान समर्थक मटेरियल पोस्ट करने के लिए पीटा गया था।

महत्वपूर्ण सीमाओं पर तालिबान का नियंत्रण

गौरतलब है की, आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी गतिविधां तेज कर दी है। जैसे-जैसे अमेरिकी सेना पीछे हट रही है, तालिबानी आतंकी अपनी वर्चस्व स्थापित करने के लिए सीमावर्ती इलाकों में हमले तेज करता जा रहा है। मई के बाद से, तालिबान ने ईरान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान की महत्वपूर्ण सीमा पार कर नियंत्रण हासिल कर लिया है। तालिबान अब अफगान के लगभग 400 जिलों में से करीब आधों पर कब्जा करने का दावा करता है। हालांकि, ऐसे दावों की पुष्टि करना मुश्किल है।

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