एक मटर का दाना इस मासूम के लिए बन गया मौत का कारण, सभी मां-बाप रहें सावधान…

इंसान का जीवन और उसकी मृत्यु भगवान के हाथ होती है। इसलिए जब कभी किसी इंसान की मौत आती है तो भगवान उसको किसी ना किसी बहाने से अपने पास बुला ही लेते हैं। मौत से कोई नहीं बच सकता। कहते हैं जिसके दिन खराब हो उसको हाथी पर बैठे हुए भी चींटी काट लेती है। कुछ ऐसा ही हादसा हाल ही में एक मासूम के साथ हुआ। दरअसल, एक मटर के दाने ने मासूम बच्चे की जान ले ली। जानकारी के अनुसार गणतंत्र दिवस वाले दिन वह मासूम अपने पिता के साथ परेड देख कर घर लौट रहा था। रास्ते में खेल खेल में उसने मटर का दाना हवा में उछाल कर खाना चाहा। जिसके बाद वह मटर का दाना सीधे उसकी श्वास नाली में जा गिरा और दम घुटने के कारण बच्चा छटपटा उठा। जिसके बाद उसके परिवार वाले उसको तुरंत नजदीकी अस्पताल ले गये।

एक मटर का दाना इस मासूम के लिए बन गया मौत का कारण, सभी मां-बाप रहें सावधान...

बच्चे के पिता, दादी और माँ उसको लेकर डॉक्टर्स के पास भागे लेकिन वहां जाकर डॉक्टर ने हंसल को मृत घोषित कर दिया। हंसल की मौत के बाद अभी तक उसके परिवार वाले शोक में। किसी को यकीन नहीं हो पा रहा कि कुछ समय पहले उनके साथ हँसता खेलता हंसल अब उनके पास कभी वापिस नहीं आएगा।  राजेंद्र नगर निवासी अनिल देव के बेटे हंसल की अचानक हुई मृत्यु से पूरा परिवार सदमे में है।

हंसल की मृत्यु के बाद सबसे गहरा सदमा उसकी दादी को लगा। क्योंकि, हंसल अपनी दादी का सबसे अधिक चहेता था। परिजनों के अनुसार वह हमेशा अपनी दादी के पास ही रहता था। वही दादी सुनीता देवी से पूछने पर उनकी आंखें भर आई और उन्होंने बताया कि अचानक हंसल की सांसे रुकने लगी और वह उसको लेकर डॉक्टर के पास दौड़े। मगर अस्पताल जाकर उनके साथ ऐसा होगा उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। वहीं हंसल की मां द्रौपदी का भी रो-रो कर बुरा हाल हो गया है।

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आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि हंसल दूसरी कक्षा में पढ़ता था। 8 वर्षीय होनहार छात्र हंसल अब इस दुनिया में नहीं रहा। वही हमारे “न्यूज़ट्रेंड” टीम ने डॉक्टर्स से इस बारे में बात की तो उन्होंने निमनलिखित परिणाम बताए। विशेषज्ञों के अनुसार मनुष्य की श्वास नली 3.5 से लेकर 4.5 mm के साइज की होती है। अगर किसी की श्वास नली में मटर, चने का दाना, मूंगफली का दाना आदि फंस जाए तो मौके पर उसको इमरजेंसी केयर से बचाना संभव है। इन दिनों भारत देश में 1 साल के बच्चों में चना, मूंगफली आदि के दाने फंसने के मामले दिनों दिन बढ़ते नजर आ रहे हैं। इसके इलावा 5 साल तक के बच्चों में सिक्का निकलने के केस लगातार दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में बच्चों के मां-बाप को सतर्कता बरतनी जरूरी है और उन्हें इस बात का ध्यान रखना है कि उनका बच्चा ऐसी चीजों से दूरी बनाए रखें।सीनियर ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ। राकेश गुप्ता के अनुसार अगर आपका बच्चा ऐसी स्थिति से गुजर रहा है तो घबराएं नहीं बल्कि समझदारी दिखाएं। बच्चे को तुरंत उसी स्थिति में लेटा दे जहां उसको सांस लेने में सहज महसूस हो रहा हो। आप चाहे तो बच्चे को मुंह से सांस लेने को भी कह सकते हैं या फिर उसकी हालत सुधारने के लिए कृत्रिम सांस दे सकते हैं। उसके तुरंत बाद आप 108 नंबर पर कॉल करें और डॉक्टर के पास बच्चे को ले जाएं। वही शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर  शारजा फुलझले के अनुसार बच्चे को ऐसी परिस्थिति में देखकर उसको तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं और कोई छेड़छाड़ ना करें। क्योंकि कई बार इंसान घरेलू नुस्खों की कोशिश में ही मासूम की जान गँवा बैठते हैं।

 

डॉ। प्रशांत केडिया के अनुसार जब हंसल उनके पास पहुंचा तो वह मर चुका था। डॉक्टर ने बताया कि उनके परिवार वालों ने जरूर कोई ना कोई नुस्खा अपनाकर उसकी जान बचाने की कोशिश की होगी। परंतु जब कोई भी पार्टिकल श्वास नली के ट्रेकिआ में फंस जाता है तो सांस रुकना तय है। ऐसी स्थिति में आप पीड़ित को खड़ा करके उसकी शाती को प्रेस करें क्योंकि फेफड़ों पर जोर पड़ने के कारण फंसे हुए पार्टिकल के ट्रेकिआ से निकलने के चांस अधिक है।

 

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