‘खून की एक बूंद’ बताएगी कोरोना के मरीज की कितनी हिफाजत करेगी वैक्सीन

लंदन। कोरोना वायरस की महामारी पर काबू पाने के हर देश कोरोना वैक्सीन पर काम कर रहा है, कई देशो का काम लगभग पूरा होने वाला है। इस महामारी को लेकर अलग अलग देशों के वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस पर शोध कर रहे हैं।

अभी हल ही मे ब्रिटेन में एक शोध मे शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने एक ब्लड टेस्ट विकसित किया है, जो यह अनुमान लगा सकता है कि किस कोरोना मरीज को गहन देखभाल की आवश्यकता होगी या लक्षण विकसित होने के बाद भी उनके जीवित रहने की संभावना है।

अभी तक इस टेस्ट को 24 गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों पर आजमाया गया है। इस टेस्ट ने 19 में से 18 रोगियों के संबंध में सही परिणाम का पता लगाया, हालांकि इस दौरान बाकी बचे पांच मरीजों की मौत हो गई।

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अस्पताल के हिसाब से इस टेस्ट के अभी और परीक्षण किया जाना बाकी है। अगर यह टेस्ट मान्य हो जाता है तो इससे अधिक से अधिक मरीजों की जान बचाई जा सकती है। यह टेस्ट डॉक्टरों के लिए सबसे ज्यादा कारगर हो सकता है।

टेस्ट अधिक जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचाने में मददगार हो सकता है, जिससे उनके बचने की संभावना बढ़ सकती है। यह मुश्किल फैसले लेने के लिए डॉक्टरों के आत्मविश्वास को भी बढ़ा सकता है।

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