काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा बलों और हमलावरों के बीच मुठभेड़, अफगान सेना का एक जवान मारा गया…

तालिबान ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि उसके लड़ाकों ने पंजशीर के बाहर तखर, बदख्शां और अंदराब की ओर से तैनात हैं. तालिबान ने दावा किया कि उसके लड़ाकों ने अभी तक हमला नहीं किया है, क्योंकि वह बातचीत के जरिए पंजशीर समस्या का समाधान करना चाहता है.

काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा बलों और हमलावरों के बीच मुठभेड़

जर्मन सेना का कहना है कि काबुल एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर सोमवार सुबह अफगान सुरक्षा बलों और अज्ञात हमलावरों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई. सेना ने एक ट्वीट में कहा कि सुबह की घटना में अफगान सेना का एक मारा गया और तीन अन्य घायल हो गए. बाद में अमेरिकी और जर्मन सेना भी इसमें शामिल हो गई. जर्मन सैनिकों को कोई चोट नहीं आई है. हालांकि अभी तक यह ज्ञात नहीं था कि हमलावर कौन थे. तालिबान ने अब तक नाटो या अफगान सैनिकों पर गोलियां नहीं चलाई हैं.

पंजशीर में तालिबान को काफी नुकसान

अफगानिस्तान के पंजशीर में तालिबान के खिलाफ बन रही मोर्चेबंदी को कुचलने के लिए तालिबान ने करीब 3000 अपने लड़ाकों को भेजा है. पंजशीर की तरफ जाने वाले अंद्राब वैली में तालिबान और रेजिस्टेंस फोर्स के बीच गोलबारी हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि इस लड़ाई में तालिबान के काफी नुकसान हुआ है. अहमद मसूद की कमान वाली रेजिस्टेंस फोर्स तालिबान के कड़ा मुकाबला कर रही है.

दोहा से 146 भारतीय दिल्ली पहुंचे

अफगानिस्तान के लोगों को लेकर आने वाली इंडिगो की फ्लाइट नंबर 6E 1702 भी दोहा से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंग गई है. फ्लाइट में सवार बाकी यात्रियों के साथ 11 यात्री भी हैं, जो अफगानिस्तान में फंसे थे. ये फ्लाइट दोहा से आई है और कुल 146 यात्री दिल्ली पहुंचे हैं.

जो बाइडेन जनता को देंगे हालात की जानकारी

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) आज अफगानिस्तान के वास्तविक हालात से देश की जनता को अवगत कराएंगे. राष्ट्रपति जो बाइडेन की योजना अफगानिस्तान के बारे में लोगों को जानकारी देने की है. वह राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ भी बैठक कर रहे हैं. बाइडन समेत जब जी-7 देशों के नेता मंगलवार को ऑनलाइन बैठक करेंगे तो उसमें भी अफगानिस्तान बातचीत का मुख्य मुद्दा होगा.

पहले 200 लोग लाए गए थे वापस

तालिबान के पिछले रविवार को काबुल पर कब्जा जमाने के बाद भारत अफगान राजधानी से पहले ही भारतीय राजदूत और दूतावास के अन्य कर्मियों समेत 200 लोगों को वायुसेना के दो सी-19 परिवहन विमानों के जरिए वहां से निकाल चुका है. सोमवार को 40 से ज्यादा भारतीयों को लेकर पहली उड़ान भारत पहुंची थी. भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों एवं सुरक्षाकर्मियों और वहां फंसे कुछ भारतीयों समेत करीब 150 लोगों के साथ दूसरा सी-17 विमान मंगलवार को भारत पहुंचा था.

अब तक 392 भारतीय देश लौटे

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में खराब होती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए भारत अपने नागरिकों को बाहर निकालने के अपने प्रयासों के तहत तीन उड़ानों के जरिए दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस ले आया. भारतीय वायुसेना के सी-17 सैन्य परिवहन विमान के जरिए 107 भारतीयों और 23 अफगान सिखों एवं हिंदुओं समेत कुल 168 लोगों को सुबह काबुल से दिल्ली के निकट हिंडन वायुसेना अड्डे पर लाया गया. अधिकारियों ने बताया कि 87 भारतीयों और दो नेपाली नागरिकों के एक अन्य समूह को दुशाम्बे से एअर इंडिया के एक विशेष विमान से वापस लाया गया. इससे एक दिन पहले उन्हें भारतीय वायु सेना के एक विमान आईएएफ 130जे के जरिए ताजिकिस्तान की राजधानी दुशाम्बे ले जाया गया था. अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विमान के जरिए पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाए गए 135 भारतीयों के एक समूह को एक विशेष विमान से दोहा से दिल्ली लाया गया.

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