आम आदमी को बड़ा झटका: रिफाइंड और सरसों तेल में आई जबरदस्त तेजी

रिफाइंड और सरसों के तेल के दाम लगातार बढ़े जा रहे हैं. बीते दो महीनों की ही बात करें तो 50 से 80 फीसदी तक की बढोतरी हो चुकी है. सब्जियों के साथ-साथ खाने के तेलों ने भी रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. हालांकि कुछ दिन पहले केन्द्र सरकार ने पॉम आयल (Pam Oil) के आयात शुल्क में 10 फीसद की कटौती की है. जानकारों की मानें तो इससे बेहद मामूली सुधार ही आएगा. विदेशों में मौसम के चलते फसलें खराब होने और देश में ब्लेंडिंग  बंद होने से तेलों में यह उछाल देखा जा रहा है.


एक लीटर तेल के पाउच ज़्यादा महंगे हो गए-अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कि अर्जेंटीना और ब्राजील में सूखा पड़ने से सोयाबीन की फसल पर असर पड़ा है. जिसका नतीजा यह हुआ कि सोयाबीन महंगी हो गई. वहीं दूसरी ओर इंदोनेशिया और मलेशिया में भी पामोलिन की फसल खराब हो गई है. वैसे भी हमारे देश में पामोलिन को रिफाइंड करने वाली रिफाइनरी बेहद कम हैं. महाराष्ट्रा में ही सिर्फ दो रिफाइनरी हैं. ऐसे में डिमांड को पूरा करना नामुमकिन है. वहीं हमारे देश में बे मौसम बारिश होने से कई फसल पर असर पड़ा.

देंखे 2 ही महीने में कितने बढ़ गए तेलों के दाम-राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर के अनुसार तेल के 15 लीटर वाले टीन में पाम तेल 12 सौ से 1750, सनफ्लावर 15 सौ से 1950, सरसों का तेल 1750 से 2250, वहीं मूंगफली का तेल 1750 से 22 सौ रुपये के रेट पर आ गया है. वहीं एक लीटर वाले पाउच में पाम तेल 75 से 110 रुपये तक हो गया है. सनफ्लावर 98 से 130 रुपये, सरसों का तेल 110 से 150 रुपये लीटर तक बिक रहा है. कुछ खास ब्रांड का तेल 190 रुपये लीटर तक भी बिक रहा है. जबकि मूंगफली का तेल 110 से 200 रुपये लीटर बिक रहा है.
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