मध्य प्रदेश में कोहरा कमजोर, लेकिन सर्दी का असर जारी

मध्यप्रदेश में कोहरे का असर घटा है, लेकिन कड़ाके की सर्दी और बढ़ गई है। पचमढ़ी में तापमान 4 डिग्री से नीचे पहुंच गया, जबकि शहडोल का कल्याणपुर 6.3 डिग्री के साथ दूसरा सबसे ठंडा इलाका रहा। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री और गिर सकता है।

मध्यप्रदेश में कोहरे का असर अब धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन कड़ाके की ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में तापमान 4 डिग्री से नीचे चला गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में सर्दी और तेज होगी। ऐसे में न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए पचमढ़ी जाने वाले पर्यटकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।

प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा इलाका शहडोल का कल्याणपुर रहा, जहां न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।ट्रेनों पर कोहरे की मार जारी, सफर हो रहा परेशानकोहरे की वजह से दिल्ली से भोपाल, उज्जैन और इंदौर आने-जाने वाली ट्रेनें लगातार लेट चल रही हैं। पिछले एक हफ्ते से कई ट्रेनें 5 से 8 घंटे तक की देरी से पहुंच रही हैं। दृश्यता कम होने के कारण सड़कों पर भी वाहन चलाना जोखिम भरा बना हुआ है।

आज सुबह कहां-कहां दिखा कोहरा
गुरुवार सुबह ग्वालियर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली और शहडोल में कोहरा देखा गया। कहीं घना तो कहीं मध्यम कोहरा रहा। मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के मुताबिक, अगले दो दिन कोहरे की तीव्रता घटेगी, लेकिन न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की और गिरावट संभव है। अगले पांच दिन मौसम साफ रहेगा और बारिश की कोई संभावना नहीं है।

प्रदेश के सबसे ठंडे शहर
पचमढ़ी: 3.8 डिग्री
कल्याणपुर (शहडोल): 6.3 डिग्री
नौगांव: 7 डिग्री
राजगढ़: 7.4 डिग्री
मलाजखंड: 7.6 डिग्री
रीवा: 8.2 डिग्री
उमरिया: 8.3 डिग्री
रायसेन, छिंदवाड़ा, मंडला: 9 डिग्री
खजुराहो: 9.2 डिग्री
टीकमगढ़: 9.8 डिग्री

हिमालयी सिस्टम का असर,ठंड और बढ़ेगी
मौसम विभाग के अनुसार, 27 दिसंबर को पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय हो सकता है। इसके प्रभाव से मध्यप्रदेश में सर्द हवाओं की रफ्तार बढ़ेगी और ठंड और तीखी होगी। फिलहाल भी उत्तरी हवाओं के कारण इंदौर, भोपाल, राजगढ़ और शाजापुर में दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।उत्तर भारत के ऊपर सक्रिय जेट स्ट्रीम भी ठंड को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है। यह करीब 12.6 किलोमीटर ऊंचाई पर 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बह रही है। पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवाओं के साथ जब यह सिस्टम सक्रिय होता है, तो ठंड का असर दोगुना हो जाता है।

नवंबर-दिसंबर में टूटा सर्दी का रिकॉर्ड
इस सीजन में नवंबर और दिसंबर दोनों ही महीनों में ठंड ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भोपाल में नवंबर महीने में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली, जो 1931 के बाद सबसे लंबा दौर रहा। 17 नवंबर की रात भोपाल का तापमान 5.2 डिग्री तक गिर गया था। इंदौर में भी 25 साल बाद पारा 6.4 डिग्री तक पहुंचा, जो सीजन की सबसे सर्द रात रही।

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