कल या परसों कब करनी है दीवाली पूजा?

दीपावली हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाई जाएगी, जो मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। इस साल इसकी तिथि को लेकर लोगों में थोड़ी कन्फ्यूजन बनी हुई है, तो आइए इस तिथि से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

दीपावली का त्योहार हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस साल इसकी तिथि को लेकर लोगों में थोड़ी कन्फ्यूजन बनी हुई है, तो आइए पंचांग के अनुसार लक्ष्मी पूजन के लिए सही दिन और समय क्या है? जानते हैं।

पूजन मुहूर्त
शाम 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 18 मिनट तक।

दीपावली पूजन के नियम
पूजा से पहले पूरे घर की साफ-सफाई करें, विशेषकर पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें।
पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की नई प्रतिमा स्थापित करें।
ध्यान रहे कि गणेश जी लक्ष्मी जी के दाईं ओर हों।
चावल या गेहूं के ऊपर एक मिट्टी या तांबे का कलश स्थापित करें।
पूजा से पहले घर के मुख्य द्वार पर और आंगन में दीये जलाएं।
इस दिन अखंड दीपक जलाना शुभ होता है।
पूजा के समय साफ और नए वस्त्र पहनें।
काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
शुभ मुहूर्त में विधिवत पूजा करें।
अंत में आरती करके पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।

दीपावली पूजन सामग्री
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा।
चौकी।
5 या 11 दीपक ।
गणेश-लक्ष्मी जी के लिए वस्त्र, माला, कमल का फूल, आभूषण।
कलश, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, इत्र, पंचामृत, सुपारी, लौंग, इलायची।
खील, बताशे, गन्ना, सिंघाड़ा, मौसमी फल, मिठाई, पान का बीड़ा।
चांदी या पीतल का सिक्का, कौड़ी, कमलगट्टा, बही-खाता, दीये, तेल/घी, धूप, अगरबत्ती।

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