गौतम गंभीर से लड़ाई के बाद आया पिच क्यूरेटर का पहला रिएक्शन, कहा- ‘मैं विवाद…’

भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर की द ओवल के ग्राउंड्समैन से लड़ाई हो गई। टीम इंडिया मंगलवार को जब अभ्यास कर रही थी तब ग्राउंड्समैन ने कुछ बातें कहीं और तंज कसे जो गंभीर को पसंद नहीं आए और उन्होंने जमकर क्यूरेटर को लताड़ दिया है। इस लड़ाई पर ग्राउंड्समैन ली फोर्टिस का पहला रिएक्शन सामने आया है।

टीम इंडिया जब अभ्यास कर रही थी तब क्यूरेटर ने कहा कि किस पिच का इस्तेमाल करना है, कहां निशान बनाने हैं। इन बातों को सुनकर गंभीर भड़क गए। क्यूरेटर ने उन्हें धमकी भी दी की वह मैच रैफरी से उनकी शिकायत कर देंगे लेकिन गंभीर तब भी नहीं रुके और क्यूरेटर को जमकर सुनाते रहे। बल्लेबाजी कोच सितांशू कोटक क्यूरेटर से बात कर रहे थे तब भी गंभीर ने उनसे कहा कि इस जाकर रिपोर्ट करने दो। वह क्यूरेटर से कह रहे थे कि तुम नहीं बताओगे कि हम क्या करें और क्या नहीं।

क्यूरेटर का पहला रिएक्शन
इसके बाद भारतीय मीडिया ने क्यूरेटर से इस लड़ाई के बारे में उनका पक्ष जानना चाहा, लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। उनसे जब पूछा गया कि क्या आप गौतम गंभीर से खुश हैं? तो उन्होंने कहा, “ये मेरा काम नहीं है कि मैं गंभीर से खुश रहूं या नहीं।”

फिर सवाल पूछा गया कि क्या गंभीर आपसे थोड़ा टची (गुस्से में लड़ने की मुद्रा में पास आना) हो रहे थे। क्या वो आपको अच्छे दोस्त हैं? इस पर उन्होंने कहा, “नहीं, मैं उनसे पहले कभी मिला भी नहीं। शायद कभी उनके खिलाफ खेला हूं।”

गंभीर आपसे गुस्सा क्यों रहे थे? क्यूरेटर ने कहा, “मुझे नहीं पता।”

फिर उनसे सवाल किया गया कि आपका पक्ष क्या है? क्यूरेटर ने कहा, “मेरा कोई पक्ष नहीं है।”

इसके बाद एक पत्रकार ने सवाल किया है, “बड़ी बात ये है कि अगर हम कुछ खबर करेंगे तो आपके लोग कहेंगे कि इंडियन मीडिया ने अपना पक्ष छापा क्यूरेटर का पक्ष नहीं।” इस पर क्यूरेटर ने कहा, “कोई बात नहीं। कुछ भी छुपाने को नहीं है। मैं रुख व्यवहार नहीं करना चाहता।”

पुरानी है आदत
देखा जाए तो ली की मेहमान टीम से पंगे लेने और उन्हें परेशान करने के साथ-साथ तंज कसने की पुरानी आदत है। भारतीय महिला टीम जब इस मैदान पर खेलने आई थी तो भी उनसे क्यूरेटर ने खराब व्यवहार किया। वह मेहमान टीमों से आक्रामक व्यवहार करते हैं। हालांकि, गंभीर ने उनको बर्दाश्त नहीं किया और जमकर सुनाई जिसे देख वह हैरान भी रह गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button