सावन के शुक्रवार को करें इन मंत्रों का जप, घर में आएगी लक्ष्मी अपार

सावन (Sawan 2025) का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष है। इस बार सावन और शुक्रवार का संयोग फलदायी है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा का बहुत महत्व है। ऐसे में शाम के समय मां लक्ष्मी के 108 नामों का जप करें। इससे धन की मुश्किलें दूर होंगी।

सावन का महीना बेहद शुभ माना जाता है। यह भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत विशेष माना गया है। वहीं, आज सावन (Sawan 2025) और शुक्रवार का पावन संयोग है, जो अपने आप में बहुत फलदायी माना गया है। कहा जाता है कि इस दुर्लभ संयोग में भोलेनाथ के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा का भी बड़ा महत्व है। ऐसे में शाम के समय माता रानी के सामने एक घी का दीपक जलाएं। उन्हें गुलाब का फूल अर्पित करें। उन्हें सफेद मिठाई का भोग लगाएं।

इसके बाद देवी के 108 नामों का भाव के साथ धीरे-धीरे जप करें। अंत में आरती करें। ऐसा करने से धन की मुश्किलें दूर होती हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

।।मां लक्ष्मी के 108 नाम।।
ऊँ प्रकृत्यै नम:

ऊँ विकृत्यै नम:

ऊँ विद्यायै नम:

ऊँ सर्वभूत-हितप्रदायै नम:

ऊँ श्रद्धायै नम:

ऊँ विभूत्यै नम:

ऊँ वसुन्धरायै नमः

ऊँ उदारांगायै नमः

ऊँ हरिण्यै नमः

ऊँ हेममालिन्यै नमः

ऊँ धनधान्य-कर्ये नमः

ऊँ सिद्धयै नमः

ऊँ स्त्रैणसौम्यायै नमः

ऊँ शुभप्रदायै नमः

ऊँ नृपवेश्मगतानन्दायै नमः

ऊँ सुरभ्यै नम:

ऊँ परमात्मिकायै नम:

ऊँ वाचे नम:

ऊँ पद्मालयायै नम:

ऊँ पद्मायै नमः

ऊँ शुचय़ै नमः

ऊँ स्वाहायै नमः

ऊँ स्वधायै नमः

ऊँ सुधायै नमः

ऊँ धन्यायै नमः

ऊँ हिरण्मयै नमः

ऊँ लक्ष्म्यै नमः

ऊँ नित्यपुष्टायै नमः

ऊँ विभावर्यै नमः

ऊँ अदित्यै नमः

ऊँ दित्यै नमः

ऊँ दीप्तायै नमः

ऊँ वसुधायै नमः

ऊँ वसुधारिण्यै नमः

ऊँ कमलायै नमः

ऊँ कान्तायै नमः

ऊँ कामाक्ष्यै नमः

ऊँ क्रोधसंभवायै नमः

ऊँ अनुग्रहप्रदायै नमः

ऊँ बुद्धयै नमः

ऊँ अनघायै नमः

ऊँ हरिवल्लभायै नमः

ऊँ अशोकायै नमः

ऊँ अमृतायै नमः

ऊँ दीप्तायै नमः

ऊँ लोकशोकविनाशिन्यै नमः

ऊँ धर्म-निलयायै नमः

ऊँ करुणायै नमः

ऊँ लोकमात्रे नमः

ऊँ पद्मप्रियायै नमः

ऊँ पद्महस्तायै नमः

ऊँ पद्माक्ष्यै नमः

ऊँ पद्मसुन्दर्यै नमः

ऊँ पद्मोद्भवायै नमः

ऊँ भास्कर्यै नमः

ऊँ बिल्वनिलयायै नमः

ऊँ वरारोहायै नमः

ऊँ यशस्विन्यै नमः

ऊँ वरलक्ष्म्यै नमः

ऊँ वसुप्रदायै नमः

ऊँ शुभायै नमः

ऊँ हिरण्यप्राकारायै नमः

ऊँ समुद्रतनयायै नमः

ऊँ पद्ममुख्यै नमः

ऊँ पद्मनाभप्रियायै नमः

ऊँ रमायै नमः

ऊँ पद्ममालाधरायै नमः

ऊँ देव्यै नमः

ऊँ पद्मिन्यै नमः

ऊँ पद्मगन्धिन्यै नमः

ऊँ पुण्यगन्धायै नमः

ऊँ सुप्रसन्नायै नमः

ऊँ प्रसादाभिमुख्यै नमः

ऊँ प्रभायै नमः

ऊँ चन्द्रवदनायै नमः

ऊँ चन्द्रायै नमः

ऊँ चन्द्रसहोदर्यै नमः

ऊँ चतुर्भुजायै नमः

ऊँ विष्णुपत्न्यै नमः

ऊँ प्रसन्नाक्ष्यै नमः

ऊँ नारायणसमाश्रितायै नमः

ऊँ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः

ऊँ देव्यै नमः

ऊँ सर्वोपद्रव-वारिण्यै नमः

ऊँ नवदुर्गायै नमः

ऊँ महाकाल्यै नमः

ऊँ ब्रह्माविष्णु-शिवात्मिकायै नमः

ऊँ त्रिकालज्ञान-संपन्नायै नमः

ऊँ भुवनेश्वर्यै नमः

ऊँ चन्द्ररूपायै नमः

ऊँ इन्दिरायै नमः

ऊँ इन्दुशीतलायै नमः

ऊँ अह्लादजनन्यै नमः

ऊँ पुष्टयै नमः

ऊँ शिवायै नमः

ऊँ शिवकर्यै नमः

ऊँ सत्यै नमः

ऊँ विमलायै नमः

ऊँ विश्वजनन्यै नमः

ऊँ तुष्टयै नमः

ऊँ दारिद्र्यनाशिन्यै नमः

ऊँ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः

ऊँ शान्तायै नमः

ऊँ शुक्लमाल्यांबरायै नमः

ऊँ श्रियै नमः

ऊँ जयायै नमः

ऊँ मंगलादेव्यै नमः

ऊँ विष्णुवक्षस्थलस्थितायै नमः

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button