बिहार: मुखियाओं को मिलेगी 10 लाख तक की योजना स्वीकृति की शक्ति

बिहार सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को बड़ी राहत देते हुए कई अहम फैसले लिए हैं। अब मुखिया समेत त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को न केवल हथियार रखने का लाइसेंस मिलेगा, बल्कि उन्हें मिलने वाला मानदेय भी पहले से डेढ़ गुना बढ़ा दिया गया है। साथ ही, पंचायत सरकार भवन के निर्माण से लेकर योजनाओं की स्वीकृति सीमा में भी वृद्धि की गई है।

यह घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित ‘संवाद’ भवन में पंचायत प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल के साथ हुई विशेष बैठक के बाद की गई। इसकी जानकारी सीतामढ़ी दौरे पर पहुंचे पंचायती राज मंत्री केदार गुप्ता ने दी।

अब मुखिया को मिल सकेगी 10 लाख तक की योजना स्वीकृति
पंचायती राज मंत्री ने बताया कि अब तक मनरेगा योजना के तहत मुखिया को 5 लाख रुपये तक की योजनाओं को स्वीकृत करने का अधिकार था। अब यह सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की रफ्तार और दायरा दोनों बढ़ेंगे। सरकार ने यह निर्देश दिया है कि पंचायत चुनाव से पहले इन सभी योजनाओं को धरातल पर उतार दिया जाए।

शस्त्र लाइसेंस और बढ़ा भत्ता
सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें शस्त्र अनुज्ञप्ति (आर्म्स लाइसेंस) के लिए आवेदन करने की सुविधा दी है। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन आवेदनों का समयबद्ध निष्पादन करें। साथ ही, प्रतिनिधियों को पहले से डेढ़ गुना अधिक मासिक मानदेय मिलेगा, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।

1069 पंचायतों में सरकार भवन निर्माण, सामान्य मृत्यु पर भी अनुग्रह अनुदान
राज्य के 1069 नए पंचायतों में पंचायत सरकार भवनों की स्वीकृति दी गई है। जहां मुख्यालय वाले गांव में भूमि उपलब्ध नहीं है, वहां पास के गांव में भूमि लेकर भवन का निर्माण कराया जाएगा। पहले आकस्मिक मृत्यु पर मिलने वाली अनुग्रह राशि अब सामान्य मृत्यु पर भी प्रदान की जाएगी। साथ ही, बीमार पंचायत प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से इलाज की सुविधा दी जाएगी।

15 लाख तक की योजना स्वीकृति विभागीय स्तर पर, महिला प्रतिनिधियों को मिलेगा और सशक्त मंच
सरकार ने निर्णय लिया है कि पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से अब 15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग की राशि से 15 लाख रुपये तक की योजनाएं विभागीय स्तर पर स्वीकृत की जाएंगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2006 से पंचायत और 2007 से नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया है, जिससे आज बड़ी संख्या में महिलाएं नेतृत्व की भूमिका निभा रही हैं।

सरकार की प्रतिबद्धता: पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मान, संसाधन और अधिकार
इन तमाम घोषणाओं से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका को सशक्त, प्रभावी और सम्मानजनक बनाने की दिशा में गंभीर है। इन फैसलों से न केवल प्रतिनिधियों के अधिकारों में वृद्धि होगी, बल्कि उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी पहले से अधिक मजबूत होगी।

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