पूजा में करें मां तुलसी के इन मंत्रों का जप, कर्ज की समस्या होगी दूर

वैदिक पंचांग के अनुसार 22 मई को ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। साथ ही इस दिन गुरुवार का व्रत भी किया जाएगा है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। साथ ही मां तुलसी की कृपा प्राप्ति के लिए तुलसी के पौधे की भी पूजा करनी चाहिए। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

सनातन धर्म में सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। इसी प्रकार गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन श्रीहरि के संग तुलसी पूजा भी की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी की पूजा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है।

साथ ही धन से हमेशा तिजोरी भरी रहती है। पूजा के दौरान मां तुलसी के 108 नामों का जप करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी मंत्र का जप करने से साधक को जीवन में शुभ परिणाम मिलते हैं और कर्ज की समस्या दूर होती है।

तुलसी माता के नाम
ॐ श्री तुलस्यै नमः
ॐ नन्दिन्यै नमः
ॐ देव्यै नमः
ॐ शिखिन्यै नमः
ॐ धारिण्यै नमः
ॐ धात्र्यै नमः
होगी वृद्धि
ॐ सावित्र्यै नमः
ॐ सत्यसन्धायै नमः
ॐ कालहारिण्यै नमः
ॐ गौर्यै नमः
ॐ देवगीतायै नमः
ॐ द्रवीयस्यै नमः
ॐ पद्मिन्यै नमः
ॐ सीतायै नमः
ॐ रुक्मिण्यै नमः
ॐ प्रियभूषणायै नमः
ॐ श्रेयस्यै नमः
ॐ श्रीमत्यै नमः
ॐ मान्यायै नमः
ॐ गौर्यै नमः
ॐ गौतमार्चितायै नमः
ॐ त्रेतायै नमः
ॐ त्रिपथगायै नमः
ॐ त्रिपादायै नमः
ॐ त्रैमूर्त्यै नमः
ॐ जगत्रयायै नमः
ॐ त्रासिन्यै नमः
ॐ गात्रायै नमः
ॐ गात्रियायै नमः
ॐ गर्भवारिण्यै नमः
ॐ शोभनायै नमः
ॐ समायै नमः
ॐ द्विरदायै नमः
ॐ आराद्यै नमः
ॐ यज्ञविद्यायै नमः
ॐ महाविद्यायै नमः
ॐ गुह्यविद्यायै नमः
ॐ कामाक्ष्यै नमः
ॐ कुलायै नमः
ॐ श्रीयै नमः
ॐ भूम्यै नमः
ॐ भवित्र्यै नमः
ॐ सावित्र्यै नमः
ॐ सरवेदविदाम्वरायै नमः
ॐ शंखिन्यै नमः
ॐ चक्रिण्यै नमः
ॐ चारिण्यै नमः
ॐ चपलेक्षणायै नमः
ॐ पीताम्बरायै नमः
ॐ प्रोत सोमायै नमः
ॐ सौरसायै नमः
ॐ अक्षिण्यै नमः
ॐ अम्बायै नमः
ॐ सरस्वत्यै नमः
ॐ सम्श्रयायै नमः
ॐ सर्व देवत्यै नमः
ॐ विश्वाश्रयायै नमः
ॐ सुगन्धिन्यै नमः
ॐ सुवासनायै नमः
ॐ वरदायै नमः
ॐ सुश्रोण्यै नमः
ॐ चन्द्रभागायै नमः
ॐ यमुनाप्रियायै नमः
ॐ कावेर्यै नमः
ॐ मणिकर्णिकायै नमः
ॐ अर्चिन्यै नमः
ॐ स्थायिन्यै नमः
ॐ दानप्रदायै नमः
ॐ धनवत्यै नमः
ॐ सोच्यमानसायै नमः
ॐ शुचिन्यै नमः
ॐ श्रेयस्यै नमः
ॐ प्रीतिचिन्तेक्षण्यै नमः
ॐ विभूत्यै नमः
ॐ आकृत्यै नमः
ॐ आविर्भूत्यै नमः
ॐ प्रभाविन्यै नमः
ॐ गन्धिन्यै नमः
ॐ स्वर्गिन्यै नमः
ॐ गदायै नमः
ॐ वेद्यायै नमः
ॐ प्रभायै नमः
ॐ सारस्यै नमः
ॐ सरसिवासायै नमः
ॐ सरस्वत्यै नमः
ॐ शरावत्यै नमः
ॐ रसिन्यै नमः
ॐ काळिन्यै नमः
ॐ श्रेयोवत्यै नमः
ॐ यामायै नमः
ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः
ॐ श्यामसुन्दरायै नमः
ॐ रत्नरूपिण्यै नमः
ॐ शमनिधिन्यै नमः
ॐ शतानन्दायै नमः
ॐ शतद्युतये नमः
ॐ शितिकण्ठायै नमः
ॐ प्रयायै नमः
ॐ धात्र्यै नमः
ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः
ॐ कृष्णायै नमः
ॐ भक्तवत्सलायै नमः
ॐ गोपिकाक्रीडायै नमः
ॐ हरायै नमः
ॐ अमृतरूपिण्यै नमः
ॐ भूम्यै नमः
ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः
ॐ श्री तुलस्यै नमः

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