जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म आरोपी को डेढ़ साल बाद दी जमानत

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपी अली मोहम्मद को डेढ़ साल बाद जमानत दी, क्योंकि उसकी पत्नी ने एफआईआर रद्द करने और जमानत पर कोई विरोध नहीं किया।

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपी को डेढ़ साल बाद जमानत दी है। आरोपी के खिलाफ उसकी पत्नी ने ही दुष्कर्म की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसपर आरोपी ने जमानत अर्जी दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान पत्नी की ओर से कोई विरोध नहीं किया गया।

आरोपी अली मोहम्मद के खिलाफ साल 2023 में उसकी पत्नी ने पुलिस स्टेशन सांबा में दुष्कर्म करने का मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद आरोपी को हिरासत में ले लिया गया। इसपर अली मोहम्मद ने प्रिंसिपल सेशन जज सांबा के न्यायालय में जमानत की अर्जी दाखिल की। अली मोहम्मद की इस अर्जी को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया।

इसके बाद आरोपी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। साथ ही आरोपी अपने खिलाफ एफआईआर को चुनौती देते हुए एक और मुकदमा दायर किया। दोनों याचिकाओं में आरोपी ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता ने दुष्कर्म की एफआईआर भरण-पोषण भत्ता पाने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से दर्ज कराई है।

मामले का फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने कहा कि आमतौर पर ऐसे गंभीर आरोपों के मद्देनजर जमानत नहीं दी जाती, लेकिन शिकायतकर्ता ने एफआईआर रद्द करने की याचिका और जमानत देने के आवेदन पर कोई आपत्ति नहीं है। इसे याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जा रहा है। इसके साथ न्यायालय ने मामले के निपटारे तक आरोपी के अभियोक्ता या किसी भी गवाह से संपर्क करने और ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना प्रदेश से बाहर जाने पर रोक लगाई है।

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