मेयर की कुर्सी पर गजराज के सामने होगा चुनौतियों का पहाड़, सबसे बड़ी चुनौती आय बढ़ाना; जानें वजह
गजराज बिष्ट मेयर का चुनाव जीत गए हैं लेकिन यह कुर्सी उनके लिए कांटों के ताज से कम नहीं होने वाली है। गजराज के सामने सबसे बड़ी चुुनौती नगर निगम की आर्थिक स्थिति सुधारने की होगी। निगम पर इस समय करीब 52 करोड़ रुपये की देनदारी है। गजराज को इस देनदारी को खत्म करने के साथ निगम की आय बढ़ाने के लिए योजना बनानी होगी।
नगर निगम की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। इस कारण निगम जेसीबी, कूड़े के लिए वाहन और वार्डों में नए कार्य नहीं कर पा रहा है। गजराज को सत्ता संभालने के बाद निगम की आर्थिक स्थिति सुधारनी होगी। आय के नए स्रोत पैदा करने होंगे। नगर निगम क्षेत्र के नए वार्डों में एक-एक अतिरिक्त कूड़ा गाड़ी चलवानी होगी। वर्तमान में गजराज बिष्ट छड़ायल क्षेत्र में रहते हैं, वहां कूड़ा गाड़ियां एक दिन छोड़कर आती हैं। ऐसे में नगर निगम में शामिल नए 20 वार्डों में रोजाना कूड़ा प्रबंधन भी चुनौती रहेगा। ट्रंचिग ग्राउंड मेंं कोयला प्लांट, रामपुर रोड, बरेली रोड सहित अन्य निगम के क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटें लगवाना, वार्डों में सड़कों का निर्माण, अतिक्रमण हटवाना और वेंडिंग जोन के लिए प्रबंध करने में उन्हें पसीना बहाना पड़ सकता है। इसके साथ ही पूर्व में पारित हुए कामों को पूरा कराना भी बड़ी जिम्मेदारी होगा।
नैनीताल की नवनिर्वाचित पालिकाध्यक्ष की पांच चुनौतियां
नैनीताल के सभी वार्ड में सफाई व्यवस्था को बेहतर कर नालों में झील में जाने वाली गंदगी को रोकना।
डेढ़ दशक पूर्व शुरु हुई डोर-टू-डोर कूड़ा व्यवस्था को पूर्व प्रभावी करना।
भवाली में निर्माणाधीन बहुप्रतीक्षित कूड़ा रीसाइक्लिं प्लांट को शुरू करना।
वेंडर जोन की समस्या का स्थायी निस्तारण कर नगर से फड़ कारोबार खत्म करना।
नैनीताल पालिका के अवशेष देयकों की वसूली, प्रतिमाह वेतन का नियमित वितरण।