एलजी ने वर्ल्ड क्राफ्ट काउंसिल की 60वीं जयंती का किया उद्घाटन

वर्ल्ड क्राफ्ट काउंसिल की 60वीं जयंती के अवसर पर श्रीनगर में 15 देशों के प्रतिनिधि एकत्र हुए हैं। इस समारोह में दुनिया भर के कारीगरों ने अपनी अद्वितीय शिल्पकला का प्रदर्शन किया, जो वैश्विक धरोहर का समृद्ध चित्र प्रस्तुत करता है।

राज्य सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने किया।

यह कार्यक्रम 25 नवम्बर से 28 नवम्बर तक चल रहा है, जिसमें श्रीनगर को एक वैश्विक मंच के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की समृद्ध शिल्पकला और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर उजागर करना है।

प्रतिनिधियों ने श्रीनगर के ऐतिहासिक पुराने शहर में एक क्राफ्ट सफारी का आयोजन किया, जिससे उन्हें इस क्षेत्र की शिल्पकला और सांस्कृतिक परंपराओं से साक्षात्कार हुआ। यह यात्रा स्थानीय कारीगरों के साथ जुड़ने का एक अनूठा अवसर बनी, जहां उन्होंने कारीगरों से उनके कृतियों के बारे में सीखा और साझा किया।

शिल्प बाजार और कारीगरों को  मिल अवसर 

समारोह के दौरान एक जीवंत शिल्प बाजार का आयोजन भी किया गया, जिसमें जम्मू-कश्मीर और अन्य हिस्सों से आए कारीगरों ने अपनी बेहतरीन शिल्पकला प्रदर्शित की और उसे बेचने का अवसर प्राप्त किया। यह बाजार कारीगरों को एक प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए था, ताकि वे अपनी कृतियों को दर्शकों के सामने पेश कर सकें।

इस कार्यक्रम में 15 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें कुवैत, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, यूके, आयरलैंड और मध्य एशिया के देश शामिल हैं।

सभी प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी शिल्पकला का प्रदर्शन किया और विभिन्न संस्कृतियों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा दिया।

यह आयोजन भारतीय शिल्पकला के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारतीय शिल्प और सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराया।

कार्यक्रम के अंतिम दिन जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने राज्य स्तर के शिल्प पुरस्कारों का आयोजन किया। इस सम्मान समारोह में स्थानीय कारीगरों को उनकी उत्कृष्ट कृतियों और शिल्पकला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

संस्कृति और शिल्प का समृद्ध मिलाजुला दृश्य

इस समारोह ने न केवल जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया, बल्कि स्थानीय कारीगरों को एक व्यापक मंच पर अपनी कला प्रस्तुत करने का अवसर भी प्रदान किया। साथ ही यह सुनिश्चित किया कि भारतीय शिल्प और संस्कृति की समृद्धि दुनिया भर में पहचानी जाए।

इस आयोजन के माध्यम से, जम्मू और कश्मीर सरकार ने राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया। इस पहल के द्वारा राज्य को वैश्विक शिल्प समुदाय से जोड़ा गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में और अधिक विस्तार पाएंगे।

श्रीनगर में आयोजित वर्ल्ड क्राफ्ट काउंसिल के 60वीं जयंती समारोह ने जम्मू-कश्मीर की समृद्ध शिल्पकला को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया और स्थानीय कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का अवसर प्रदान किया।

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