महाराष्ट्र: राज्य में मिली हार पर कांग्रेस का छलका दर्द

भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने शनिवार को महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 पर जीत हासिल की और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी को सिर्फ 46 सीटें मिलीं। इस पर कांग्रेस का कहना है कि हम हार पर आत्ममंथन करेंगे।

महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला। एक बार फिर महायुति के सत्ता में काबिज होने के बाद कांग्रेस का दुख छलका है। उसने रविवार को कहा कि पार्टी और महा विकास अघाड़ी के अन्य सहयोगी दल हार के कारणों पर सामूहिक रूप से आत्ममंथन करेंगे।

भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने शनिवार को महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 पर जीत हासिल की और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी को सिर्फ 46 सीटें मिलीं। इस पर कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले और अविश्वसनीय हैं।

‘हम नहीं समझ पा रहे आखिर हुआ क्या’
उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, ‘हम समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या हुआ। यह सिर्फ कांग्रेस पार्टी की हार नहीं थी, बल्कि पूरे महा विकास अघाड़ी की हार थी। पहले हमें साफ समझना होगा कि आखिर क्या हुआ है। महाराष्ट्र और हरियाणा की हार के बाद हमें पूरी चुनाव प्रक्रिया पर आश्चर्य महसूस हो रहा है।

हार हम सबकी असफलता: वेणुगोपाल
यह पूछे जाने पर कि क्या सबसे पुरानी पार्टी को महाराष्ट्र चुनाव परिणामों में किसी तरह की गड़बड़ी होने का संदेह है, इस पर उन्होंने कहा कि वे हार के तुरंत बाद इस तरह के आरोप नहीं लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के गढ़ में भारी झटका लगा है। यह न केवल कांग्रेस पार्टी बल्कि पूरे गठबंधन की असफलता है। इसलिए, हम एक साथ बैठेंगे और सामूहिक रूप से इसके कारणों का आत्मचिंतन करेंगे।’

किसे कितनी सीटें मिलीं?
चुनाव आयोग ने घोषणा की कि भाजपा ने 132 सीटें, शिवसेना ने 57, जबकि अजित पवार वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीती हैं। जबकि एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवारों ने 10 सीटें, कांग्रेस ने 16, जबकि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 20 सीटें जीतीं।

प्रियंका की जीत पर कही ये बात
वायनाड में प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रचंड बहुमत से जीत के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव ने कहा कि यह पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की कोशिशों का नतीजा है। उन्होंने कहा, ‘पार्टी को वायनाड में इतने प्रचंड बहुमत की उम्मीद थी। मतदान के तुरंत बाद बहुमत को लेकर भारी चिंता जताई जा रही थी। लेकिन पार्टी के आंतरिक मूल्यांकन के बाद हमें यकीन था कि कम मतदान प्रतिशत प्रियंका के बहुमत पर असर नहीं डालेगा।’

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वायनाड त्रासदी और उसके बाद के मुद्दे उन मुद्दों में से एक होंगे, जिन्हें प्रियंका लोकसभा में उठाएंगी। बार-बार वायनाड नहीं आने के विपक्ष के अभियान को खारिज करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि वह अपने कार्यों से उन्हें गलत साबित करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रियंका वायनाड की सांसद होने के साथ-साथ उत्तर भारतीय राजनीति में भी अपना हस्तक्षेप जारी रखेंगी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड लोकसभा सीट पर शनिवार को हुए उपचुनाव में चार लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की और 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने भाई राहुल गांधी की जीत के अंतर को पीछे छोड़ दिया।

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