जन्म के 1 साल बाद पता चली दिव्यांगता, आज है टेबल टेनिस में एशिया का नंबर- 1 खिलाड़ी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद के रहने वाले लक्ष्य गुप्ता ने महज 15 साल की उम्र में टेबल टेनिस के क्षेत्र में बड़ा कीर्तिमान स्थापित कर हरियाणा और हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने पैरा श्रेणी में एशिया में U- 23 आयु वर्ग में पहली रैंकिंग हासिल की है, जबकि विश्व रैंकिंग में 61वां स्थान प्राप्त किया है।
फरीदाबाद की अमौलिक हाइट्स सोसयटी में रहने वाली लक्ष्य की मां निशा गुप्ता ने बताया कि जन्म के एक साल बाद हमें हमारे बेटे की दिव्यांगता का पता चला। इस दौरान उसे चलने- फिरने में असमर्थता महसूस हुई तो बहुत से डाक्टरों को दिखाया गया, लेकिन उपचार से कोई लाभ नहीं मिला। दिव्यांग होने के चलते कई स्कूलों ने लक्ष्य को एडमिशन देने से इंकार कर दिया। इसके बाद, एमवीएन स्कूल प्रबंधन ने उसे एडमिशन दिया और आज वह कक्षा 12वीं में पढ़ाई कर रहा है। निशा गुप्ता ने बताया कि लक्ष्य की दिव्यांगता का पता चलने पर उसके पिता ने हमारा साथ छोड़ दिया. एक बार तो उसने लक्ष्य को मारने का भी प्रयास किया। इसके बाद, वह लक्ष्य को वहां से लेकर अपनी ससुराल चली आई और अपने पिता के साथ अमौलिक हाइट्स सोसयटी में रहने लगी।
लक्ष्य की मां ने बताया कि उसके बर्थडे पर किसी ने उसे तोहफे में टेबल टेनिस बैट दिया था और वहीं से लक्ष्य की दोस्ती टेबल टेनिस से हो गई. इसके बाद, उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज कड़ी मेहनत और सच्ची लगन की बदौलत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। उन्होंने बताया कि लक्ष्य गुप्ता ने पैरालंपिक पदक विजेता क्लब थ्रोअर प्रणव सुरमा को भी कई बार पटखनी दी है।
लक्ष्य राज्य खेल परिसर के अलावा मानव रचना स्पोर्ट्स अकादमी में भी टेबल टेनिस का अभ्यास करता हैं। इसके अलावा, स्मार्ट सिटी को कई खिलाड़ी देने वाले नरसी राम के पास क्लब थ्रो का अभ्यास करता है. उसे बेहतर खिलाड़ी बनाने में पैरालंपियन कंचन लखानी की काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।